मशहूर अभिनेता राजपाल यादव किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. मूल रूप से उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के रहने वाले राजपाल यादव ने बॉलीवुड की तमाम फिल्मों में अपनी कॉमेडी से लोगों के दिलों में एक अलग जगह बनाई है. राजपाल जब स्क्रीन पर आते हैं, तो उनके अभिनय से नजर हटती नहीं. उन्होंने कॉमेडी की दुनिया में कई बेंचमार्क स्थापित किए हैं. इस बीच इंडिया टुडे के डिजिटल चैनल ‘दी लल्लनटॉप’ ने राजपाल यादव से खास बातचीत की है. इस दौरान राजपाल ने अपने शुरुआती सफर, नाटक, सिनेमा और अपनी निजी जिंदगी के कई रोचक किस्से साझा किए. इन्हीं में से एक है जब उन्होंने बताया कि उनके जीवन में तीन ऐसे मौके आए थे जब उनके ‘नजदीक से मौत देखी’. खबर में आगे इनके बारे में विस्तार से जानिए.
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जब राजपाल के पीछे पड़ गए थे ‘खूनी कुत्ते’
राजपाल यादव ने बताया कि आज से करीब 40 साल पहले जब वह अपनी बाल अवस्था में थे. तब गर्मियों के मौसम में दोपहर के वक्त उन्हें बैर खाने की इच्छा हुई. वह शाहजहांपुर स्थित अपने कुंडरा गांव से एक किलोमीटर दूर दूसरे गांव कल्याणपुर में बैर खाने के लिए पहुंचे. उन्होंने बताया कि उस समय 2 कुत्ते हिंसक हो गए थे और वो लोगों को अपना शिकार बना रहे थे. बकौल राजपाल, जैसे ही वह बैर के पेड़ के पास पहुंचे तो धीरे-धीरे कुत्ते उनकी ओर आने लगे. यह देख वो मौके से तुरंत भागे. राजपाल के अनुसार, उस दौरान वह इतना तेज भागे थे, जितना फिर कभी नहीं भागे. हालांकि, बाद में अपनी तेजी के चलते राजपाल कुत्तों के चुंगुल से किसी तरह बचे. राजपाल ने कहा कि उस दिन वह मान गए थे कि ईश्वर इस संसार में हैं.
गंगा जी में डूबते-डूबते बचे!
राजपाल यादव ने बताया कि उनका बुआ का घर बरेली जिले में था. एक बार वह अपनी बुआ के घर गए. तब उनके बुआ के लड़कों ने गंगा जी में नहाने का प्लान बनाया, तो राजपाल भी उनके साथ चल दिए. फिर बारी आई गंगा जी में कूदने की. उनके बुआ के लड़के कूदे तो वह भी कूद गए. बकौल राजपाल, उनकी बुआ के लड़के आराम से तैर गए, मगर वह पहली बार गंगा जी में कूदे थे, तो उन्हें तैराकी नहीं आती थी. ऐसे में वह 20 फीट की गहराई के पास पहुंच गए और फंस गए. उन्होंने बाहर आने की कोशिश की, मगर सफलता नहीं मिली. इसके बाद वहां मौजूद लोग चिल्लाने लगे. ऐसे में एक आदमी भागकर आया और उसने राजपाल की जान बचाई.
बैलगाड़ी के सामने आ गिरे थे राजपाल
राजपाल यादव ने एक और घटना का जिक्र करते हुए बताया कि एक बार उनके भाई साइकल चला रहे थे, वह पीछे बैठे हुए थे. उस दौरान सड़क पर एक बैलगाड़ी जा रही थी. तभी बैल डिस्बैलेंस हुए और साइकल के हैंडल से टकराए. इस घटना के चलते राजपाल बैलगाड़ी के आगे वाले पहिए के सामने आकर गिर पड़े. राजपाल के अनुसार, अगर उस वक्त धोखे से पहिया उनके ऊपर चढ़ जाता, तो कोई अनहोनी घट सकती थी. मगर राजपाल यादव ने तब तुरंत गुलाटियां मारकर खुद को बैल और बैलगाड़ी के पहिए से अलग किया और अपनी जान बचाई.
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