’20 सकेंड के अंदर चली तीन से चार गोली और फिर…’, चंद्रशेखर आजाद ने बताई हमले की आपबीती

संतोष शर्मा

30 Jun 2023 (अपडेटेड: 30 Jun 2023, 10:23 AM)

Uttar Pradesh News: आजाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद पर 28 जून को सहारनपुर के देवबंद में जानलेवा हमला हो गया था. स्विफ्ट कार…

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Uttar Pradesh News: आजाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद पर 28 जून को सहारनपुर के देवबंद में जानलेवा हमला हो गया था. स्विफ्ट कार से आए हथियारबंद बदमाशों ने उनके काफिले पर गोलियां बरसा दीं. इस दौरान एक गोली चंद्रशेखर की पीठ को छूते हुए निकल गई, जिससे वह जख्मी हो गए. फिलहाल चंद्रशेखर खतरे से बाहर हैं और हॉस्पिटल से डिसचार्ज हो गए हैं. वहीं इस हमले के बाद चंद्रशेखर आजाद ने यूपी तक से खास बातचीत की है.

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‘गोली लगने के बाद हुआ मेरा पुनर्जन्म’

चंद्रशेखर आजाद ने हमले को लेकर बताया कि, ‘अगर गोली 1 इंच भी इधर होती तो मेरे पेट को पार करके निकल जाती. मुझे इतने बड़े हमले के बाद तो पुनर्जन्म मिला है. मैं अपना जीवन अपने महात्माओं के सपनों को पूरा करने के लिए लगा दूंगा.’

चंद्रशेखर आजाद ने बताई हमले की आपबीती

चंद्रशेखर आजाद ने बातचीत में बताया कि, ‘मैं दिल्ली से वापस आ रहा था. एक साथी कार्यकर्ता की मां का निधन हो गया था. मैं उनके घर गया और वहां से वापस लौटा. मुझे एक संत की डेथ हो गई थी उनके दर्शन में जाना था और मैं मुश्किल से 50 मीटर आगे बढ़ा था. फोन देख रहा था तभी गोली चली शीशे से टकराई और शीशा ब्लास्ट हो गया. मुश्किल से 20 सेकेंड के अंदर 3 से 4 गोली चली. जिस गाड़ी से गोली चल रही थी वह मुझसे पीछे चल रही थी. हमलावरों की गड़ी 5 से 10 मीटर दूर पर खड़ी हो जाती है और उसे एक लड़का झूलता हुआ निकलता है. वह मुझ पर फायरिंग करता है. इस बीच में मेरे ड्राइवर मनीष ने गाड़ी को आगे बढ़ाया और यू टर्न लेकर के गाड़ी वापस लाता है. जब उन्हें पता चला कि मैं जिंदा हूं तो उन्होंने फिर से मेरे ऊपर फायरिंग की. मैंने गांव में ले जाकर के गाड़ी रोकी और वहां से उच्च अधिकारियों को फोन किया.फिर मैंने गाड़ियों में बुलेट देखी और मुझे भी उस समय गोली लगी हुई थी. उसके बाद अस्पताल गया.

क्या पहले भी हुआ है ऐसा हमला?

चंद्रशेखर आजाद ने बताया कि, ‘मेरे घर पर कई बार रेकी की गई है और मैंने अधिकारियों को इसके बारे में जानकारी दी थी. 2 साल पहले भी ऐसी घटना हुई थी. लेकिन उन्होंने इस मामले को सीरियसली नहीं दिया. नोएडा में भी हमारी गाड़ी के आगे पीछे किसी ने कुछ किया है, जब मैं पिछले दिनों नोएडा गया था. मुझे ये उम्मीद नहीं थी कि मेरे खुद के जिले में ऐसा हो जाएगा. क्योंकि मेरे किसी से व्यक्तिगत कोई झगड़ा नहीं है. वैचारिक झगड़ा हो सकता है और मैं यह नहीं समझ पा रहा हूं कि कोई राजनीतिक लाभ के लिए ऐसा कर सकता है.’

हमले के पीछे कोई साजिश?

चंद्रशेखर आजाद ने बातचीत में बताया कि, ‘मेरे मन में भी उत्सुकता है, यह जानने की कि कौन मुझे मारना चाहता है और मेरे मरने से किसे लाभ है.गाड़ी जहां से बरामद हुई वह गुर्जर समाज का गांव है. मुझे लगता है कि वह दलित और गुर्जरों में झगड़ा करवाना चाहते थे. अगर मैं अपील नहीं करता तो परिणाम कुछ और हो सकता था. क्योंकि मेरे साथ ही मेरे लिए जान देने के लिए तैयार है. आज की सरकारें सीबीआई,ईडी, इनकम टैक्स और मुकदमों से डराते हैं और इन सब से मुझे तो नहीं डराया जा सकता है. क्योंकि कई सारे मुकदमे मेरे ऊपर हैं और मैं जेल भी जा चुका हूं तो बस एक गोली का डर रहा था. वह गोली भी मेरे ऊपर चलवा दी.

किसको होगा गोली कांड से फायदा?

चंद्रशेखर आजाद ने बातचीत में बताया कि, ‘मैं इस गोली से नहीं डरता हूं और इससे और मजबूत हो गया. कल भरतपुर की रैली में जाऊंगा. जब हम मुजफ्फरनगर में खतौली का उप चुनाव जीते तो वहां पर मेरी गाड़ी पर हमला हुआ था. लेकिन तब भी पुलिस ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की और उसी का परिणाम है कि अपराधियों के हौसले बढ़ गए. उन्हें लगता है कि एक दलित का बेटा है मार दो, इससे गौरव बढ़ जाएगा. सरकार की जो सोच है अपराधियों को संरक्षण देने की मैं उसका समर्थन नहीं करता. गाड़ी हरियाणा नंबर की है और पूरी घटना राजनीति से प्रेरित है. क्योंकि हमने जब भी इनपुट इकट्ठा की तो पता चला कि  वह रेकी कर रहे थे. इन्होंने गाड़ी भी गुर्जर समाज के गांव में खड़ी कर दी इसलिए भी मुझे राजनीतिक साजिश लगती है. इसीलिए बिना सत्ता के संरक्षण के इतना हौसला नहीं आ सकता है. उन्हें यह बात भी पता थी कि मेरे पास हथियार नहीं है. उनके पास इंफॉर्मेशन तो सारी कुछ थी. इसलिए यह सब कुछ षड्यंत्र करके किया गया है. यहां बिना सत्ता के संरक्षण के किसी नेता की हत्या नहीं हुई है.’

सीएम योगी के ट्वीट न करने पर चंद्रशेखर ने कही ये बात?

चंद्रशेखर आजाद ने बातचीत में बताया कि, इतनी बड़ी घटना के बाद मुख्यमंत्री का क्या आपने कोई बयान सुना और मेरे मरने से किसको फायदा है. यह राजनीतिक विषय है. लेकिन मेरी वजह से किसी को तकलीफ है यह बड़ा सवाल है. मुझे जाति की वजह से आप दलित नेता कहते रहेंगे लेकिन मैं सभी के लिए लड़ता हूं. चाहे वह पहलवानों के लिए हो या फिर सीए एनआरसी पर लड़ाई हो.’

चंद्रशेखर ने कहा मायावती पर कही ये बात?

चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि, ‘मैं समझता हूं कि इसमें कुछ भलाई होगी कि मायावती ने मेरे हमले पर कुछ नहीं कहा और उनका प्यार आशीर्वाद मुझे पहले से मिलता रहा है और मुझे लगता है कि उनकी चुप में भी कुछ मेरी भलाई होगी.’

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