UP News: उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा गुरुवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में पेश हुए. मुख्य सचिव अदालतों और महाधिवक्ता कार्यालय में कर्मचारियों की कमी और विभागों द्वारा समय पर जवाब दाखिल नहीं किए जाने के मामले में अदालत में पेश हुए. मुख्य सचिव ने कहा कि अदालत के आदेशों का समय के भीतर अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक विभाग में नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाते हैं और अनुपालन में विलंब के मामलों में प्रौद्योगिकी की मदद से जवाबदेही तय करने के लिए एक प्रणाली विकसित की जाएगी.
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मुख्य सचिव ने अदालत को सूचित किया कि वह सभी विभागों के सचिवों और विधि अधिकारियों की एक बैठक करेंगे ताकि सरकारी वकीलों को समय पर मामले से जुड़ी जानकारी मिल सकें और वे अदालत में सरकार का बेहतर ढंग से प्रतिनिधित्व कर सकें. दरअसल, मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की पीठ एक मामले की सुनवाई कर रही थी जिसमें सरकार ने समय पर जवाब दाखिल नहीं किया था.
अदालत ने कहा कि कई मामलों में अदालत के बार-बार निर्देश दिए जाने के बावजूद सरकारी अधिकारी समय पर जवाब दाखिल नहीं करते और ना ही वे सरकारी वकीलों के फोन उठाते हैं जिससे अदालत की कार्यवाही बाधित होती है और अदालत का बहुमूल्य समय खराब होता है।
मुख्य सचिव ने कहा कि शासकीय अधिवक्ता के कार्यालय में आग की घटना की वजह से कई रिकार्ड नष्ट हो गए जिसकी वजह से सरकारी फाइल उपलब्ध नहीं हैं.
उन्होंने अदालत से राज्य सरकार को उच्च न्यायालय के रिकार्ड से नकल लेकर नए रिकार्ड बनाने की अनुमति देने का अनुरोध किया. अदालत ने यह अनुरोध स्वीकार करते हुए शीतकालीन अवकाश के दौरान उच्च न्यायालय के रिकार्ड से नई फाइल तैयार करने की अनुमति प्रदान की.
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