उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) को इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) से बड़ी राहत मिली है. सीएम योगी (CM Yogi) के खिलाफ परिवाद दर्ज किए जाने की मांग को लेकर दाखिल याचिका को कोर्ट ने शुक्रवार को खारिज कर दी. जस्टिस समित गोपाल की सिंगल बेंच ने यह याचिका खारिज की. सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने अपना जजमेंट रिजर्व कर लिया था.
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क्या है पूरा मामला?
मऊ जिले के नवल किशोर शर्मा ने पिछले दिनों सीएम योगी के खिलाफ परिवाद दर्ज किए जाने की मांग को लेकर याचिका दाखिल की थी. याचिका में उन्होंने सीएम योगी के राजस्थान में दिए गए एक भाषण के आधार पर उनके खिलाफ परिवाद दर्ज किए जाने का आदेश जारी किए जाने की मांग की थी.
याचिकाकर्ता की दलील थी कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने चुनाव के दौरान राजस्थान के अलवर जिले में जो भाषण दिया था उससे लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं, इसलिए कोर्ट इस मामले में परिवाद दर्ज किए जाने का आदेश जारी करे.
नवल किशोर शर्मा ने पहले मऊ की जिला अदालत में सीएम योगी के खिलाफ परिवाद दर्ज किए जाने की मांग को लेकर याचिका दाखिल की थी, वहां से पिछले दिनों सुनवाई के बाद यह याचिका खारिज हो चुकी थी.
इसके बाद नवल किशोर शर्मा इलाहाबाद हाई कोर्ट का रुख किए. वहां उन्होंने निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी. निचली अदालत के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. हाई कोर्ट ने शुक्रवार को याची की दलीलों को अस्वीकार करते हुए याचिका खारिज कर दी.
बता दें कि यूपी सरकार ने याचिका का विरोध करते हुए इसे खारिज किये जाने की सिफारिश की थी. यूपी सरकार की तरफ से एडिशनल एडवोकेट जनरल मनीष गोयल और एडिशनल गवर्नमेंट एडवोकेट एके संड ने मामले की बहस की थी.
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