उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को संत शिरोमणि रविदास की जयंती पर वाराणसी के ‘सीर गोवर्धन’ स्थित संत रविदास मंदिर में पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और पूजा-अर्चना के बाद लंगर में प्रसाद ग्रहण किया.
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संत रविदास जयंती के अवसर पर बुधवार की सुबह योगी आदित्यनाथ वाराणसी के सीर गोवर्धन स्थित संत रविदास मंदिर पहुंचे. योगी ने मंदिर में संत रविदास की प्रतिमा के आगे शीश झुकाया और पूजा-अर्चना की. इस दौरान उन्होंने वहां लंगर में प्रसाद ग्रहण किया और साधु-संतों से बातचीत की.
योगी आदित्यनाथ ने ट़्वीट किया, ‘‘प्रेम, एकता, सौहार्द और सामाजिक समरसता जैसे मानवीय मूल्यों एवं विचारों के आलोक से मानव समाज को दीप्त करने वाले संत शिरोमणि गुरु रविदास जी की जन्म स्थली ‘सीर गोवर्धन’ में आयोजित लंगर में प्रसाद ग्रहण करने का सौभाग्य मिला.”
योगी ने अगले ट़्वीट में कहा, ‘‘आदरणीय प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से सीर गोवर्धन में स्थापित संत रविदास जी की कांस्य प्रतिमा सामाजिक सद्भाव का संदेश दे रही है. जन आस्था की भूमि सीर गोवर्धन में आज कनेक्टिविटी बेहतर हुई है. संत शिरोमणि रविदास की स्मृति में बन रहा उद्यान निर्माणाधीन है.’’
योगी ने कहा, ‘‘यह हमारा सौभाग्य है कि पूज्य संत रविदास जी की जन्म स्थली ‘सीर गोवर्धन’ उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक नगरी काशी में है. प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में ‘सीर गोवर्धन’ के सौंदर्यीकरण और पर्यटन विकास हेतु राज्य सरकार समर्पित भाव के साथ कार्य कर रही है.”
इसके पहले पंजाब के मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चरणजीत सिंह चन्नी भी बुधवार को भोर में ही संत रविदास मंदिर पहुंचे और संत रविदास की प्रतिमा पर मत्था टेककर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की.
संत कवि रविदास के अनुयायी देशभर में हैं. इनमें दलित समुदाय के लोगों की बड़ी संख्या है. मध्यकालीन कवि और समाज सुधारक संत रविदास ने अपने दोहों और उपदेशों के माध्यम से जाति आधारित सामाजिक भेदभाव के खिलाफ संदेश दिया.
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