UP निकाय चुनाव के आरक्षण में फंसा पेच, जानिए क्या है ट्रिपल टेस्ट फॉर्मूला जहां फंसा मामला

कुमार अभिषेक

• 09:54 AM • 16 Dec 2022

UP Nagar Nikay Chunav 2022: उत्तर प्रदेश में होने वाले निकाय चुनाव में आरक्षण का पेंच फस गया है. इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ…

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UP Nagar Nikay Chunav 2022: उत्तर प्रदेश में होने वाले निकाय चुनाव में आरक्षण का पेंच फस गया है. इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने बुधवार को उत्तर प्रदेश के नगर निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी करने पर 12 दिसम्बर को लगाई गई रोक 20 दिसम्बर तक जारी रखने का आदेश दिया. अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित की गई सीटों पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर ट्रिपल टेस्ट का फॉर्मूला अपनाया गया है या नहीं? इस पर हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब तलब किया है.

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इस पर यूपीतक ने हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में पिटिशन दाखिल करने वाले अधिवक्ता शरद पाठक से बात की.

शरद पाठक ने बताया, ‘अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हर राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग के अलग-अलग स्थितियां हैं जिसमें राज्य सरकार को तय करना होगा कि वह अपने राज्य में ओबीसी को कितना आरक्षण देना चाहते हैं, लेकिन महाराष्ट्र के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने ट्रिपल टेस्ट का एक फॉर्मूला दिया.

बता दें कि आरक्षण देने के लिए ट्रिपल टेस्ट यानी 3 स्तर पर मानक रखे जाएंगे जिसे ट्रिपल टेस्ट फॉर्मूला कहा गया है. इसके अनुसार राज्य को एक कमीशन बनाना होगा. जो अन्य पिछड़ा वर्ग की स्थिति पर अपनी रिपोर्ट देगा और जिसके आधार पर आरक्षण लागू होगा. इस टेस्ट में देखना होगा कि राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग की आर्थिक-शैक्षणिक स्थिति है? उनको आरक्षण देने की जरूरत है या नहीं? उनको आरक्षण दिया जा सकता है या नहीं.

साथ ही कुल आरक्षण 50 फीसदी से अधिक ना हो. इसे ट्रिपल टेस्ट का नाम दिया गया है. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एक निर्देश में कहा कि अगर अन्य पिछड़ा वर्ग को ट्रिपल टेस्ट के तहत आरक्षण नहीं दिया तो अन्य पिछड़ा वर्ग की सीटों को अनारक्षित माना जाएगा. 

बता दें कि शरद पाठक ने हमने इसी पर हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच को याचिका दी है, जिसमें पूछा गया है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने निकाय चुनाव में आरक्षण को लागू करने के लिए ट्रिपल टेस्ट लागू किया गया है या नहीं? जिस पर अब उत्तर प्रदेश सरकार को जवाब देना है. अब यह सरकार को तय करना है कि राज्य में जो पिछड़ा वर्ग आयोग है उसी को एक नोटिफिकेशन जारी कर अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग की भी मान्यता दे दे या फिर एक अन्य आयोग अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए गठित किया जाए. अब तक राज्य सरकार ने कोर्ट को बताने के लिए समय मांगा है. अभी तक लिखित तौर पर सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं आया है. अभी उत्तर प्रदेश सरकार ने निकाय चुनाव में ट्रिपल टेस्ट के फॉर्मूले पर आरक्षण लागू नहीं किया है.

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