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फिरोजाबाद में एक मानसिक रूप से बीमार महिला 35 सालों से एक छोटे से कमरे में बंद थी.
परिवार वालों ने महिला का इलाज करवाया लेकिन फायदा नहीं हुआ. फिर परिवार ने उसे एक कमरे में बंद कर दिया.
जब पीड़िता 17 साल की थी तब परिवार वालों को पता चला कि उसको मानसिक बीमारी है.
महिला घर से दूर ना चली जाए इसलिए उन्होंने उसे एक कमरे में बंद कर दिया. उसके पैरों में जंजीर भी बांध दी गई.
महिला के परिजन उसे कमरे में ही भोजन दे देते. महिला के भाई उसकी देखभाल करते थे.
सेवा भारती की टीम ने जाकर महिला को देखा और उसके परिजनों से बात की. तब जाकर महिला को आगरा के मानसिक अस्पताल में भर्ती करवाया गया.
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