उत्तर प्रदेश की जेलों में बंदियों को योग्य बनाने के लिए योगी सरकार ने पहल की है. प्रदेश सरकार न सिर्फ उन्हें पढ़ाएगी, बल्कि काबिल भी बनाएगी. सरकार ने हाल ही में जेल मैनुअल में संशोधन को मंजूरी दी है, जिसमें बंदियों की पढ़ाई की व्यवस्था के साथ-साथ उनके कौशल विकास को लेकर भी प्रस्ताव शामिल हैं.
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बंदियों की कल्याणकारी शिक्षा एवं कौशल विकास हेतु कार्यक्रमों के आयोजन एवं क्रियान्वयन में गैर सरकारी संस्थाएं भी सहयोग कर सकेंगी. ऐसा प्रयास किया जाएगा जिससे बंदी जेल में रचनात्मक कार्यों का हिस्सा बन भविष्य को बेहतर बनाने और सम्मानजनक जीवन जीने की ओर अग्रसर होंगे.
सुगम होगी पुनर्वास की प्रक्रिया
सरकार के निर्देश पर महानिदेशक (कारागार) यह सुनिश्चित करेंगे कि बंदियों के लिए शैक्षिक कार्यक्रम विकसित किए जाएं ताकि उनके समाजीकारण और पुनर्वास की प्रक्रिया को सुगम बनाया जा सके. राज्य के विभाग, गैर सरकारी संगठन (एनजीओ), अकादमिक व्यक्ति, कॉरपोरेट घराने, व्यवसायी या कोई अन्य मान्यता प्राप्त एजेंसी ऐसे कार्यक्रमों में शामिल हो सकते हैं जिनमें बंदियों के शारीरिक और स्वास्थ्य शिक्षा व सांस्कृतिक गतिविधियां शामिल होंगी. बंदियों को पढ़ाने के लिए जेल में नियुक्त शिक्षा अध्यापाक जिम्मेदार होंगे. शैक्षिक कार्यक्रमों के आयोजन में शुरूआत में अनपढ़ बंदियों के लिए, जूनियर हाई स्कूल, हाई स्कूल, इंटरमीडिएट, स्नातक एवं डिप्लोमा पाठ्यक्रमों की परीक्षाओं में सम्मिलित होने का प्रावधान किया गया है.
बन सकेंगे कारीगर
कारागारों में बंदियों को कुशल बनाने हेतु विभिन्न कौशल विकास कार्यक्रम जैसे निर्माण कार्य, राजगीरी, बढ़ई, प्लम्बरिंग, बिजली कार्य, दर्जी, रेडीमेड कपड़े, चमड़ा, कृषि, उद्यान, डेयरी, मुर्गी पालन, फूल उत्पादन, डीजल इंजन, विद्युत पम्प व ट्रैक्टर की मरम्मत, कंप्यूटर संचालन आदि की व्यवस्था का प्रावधान है. कौशल विकास प्रशिक्षण के बाद बंदियों को प्रमाण पत्र भी मिलेगा. जिसका आगे चलकर वो अपने रोजगार के लिए भी उपयोग कर सकेंगे.
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