गाजियाबाद में जनरल वीके सिंह की बेटी से 3.5 करोड़ का फ्रॉड? बिजनेसमैन पर दर्ज हुआ मुकदमा

मयंक गौड़

17 Oct 2024 (अपडेटेड: 17 Oct 2024, 01:39 PM)

Ghaziabad News :  गाजियाबाद के पूर्व सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह की बेटी द्वारा एक लोहा कारोबारी के खिलाफ , कविनगर थाने में एक मुकद्दमा दर्ज कराया गया है.

 गाजियाबाद में जनरल वीके सिंह की बेटी से 3.5 करोड़ का फ्रॉड? लोहा कारोबारी पर दर्ज हुई मुकदमा

गाजियाबाद में जनरल वीके सिंह की बेटी से 3.5 करोड़ का फ्रॉड? लोहा कारोबारी पर दर्ज हुई मुकदमा

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Ghaziabad News :  गाजियाबाद के पूर्व सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह की बेटी द्वारा एक लोहा कारोबारी के खिलाफ , कविनगर थाने में एक मुकद्दमा दर्ज कराया गया है. वीके सिंह की बेटी योगजा सिंह का आरोप है कि कारोबारी द्वारा मकान बेचने के नाम पर उनके साथ 3.38 करोड़ का फ्रॉड किया गया है. वहीं  मामले में मिली शिकायत के आधार पर पुलिस द्वारा कारोबारी के खिलाफ  BNS 1860 की धारा 420और 406 के तहत मुकद्दमा दर्ज कर लिया गया है और मामले की जांच शुरू की गई है. 

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मकान का पैसा लेकर भी नहीं की रजिस्ट्री

दर्ज एफआईआर के अनुसार योगजा सिंह ने गाजियाबाद के राजनगर इलाके में एक मकान को खरीदने का सौदा कारोबारी आनंद प्रकाश के साथ किया था. मकान का सौदा पांच करोड़ पचास लाख रुपए में मौखिक रूप से 2014 को तय किया गया था. जिसके लिए 10 लाख रुपए की रकम भी बतौर बयाना  उनके द्वारा कारोबारी आनंद प्रकाश को दी गई थी और बाकी की रकम धीरे-धीरे दिए जाने की बात तय की गई थी. 

मकान का रिनोवेशन आनंद प्रकाश द्वारा कराया गया था और 4.45 लाख रुपये के पोस्ट डेटिड चेक भी दिए गए. मकान पर योगजा सिंह को कब्जा भी दिया गया, जिसमें वह अब रह रही हैं. आरोप है कि मकान खरीद के लिए किए गए 3.48 करोड़ रुपये के भुगतान के बावजूद आनंद प्रकाश ने मकान की रजिस्ट्री उनके नाम नहीं की. इसके विपरीत, किराए की फर्जी रसीदें बनाकर उन्हें बेदखल करने के लिए न्यायालय में वाद दायर किया गया है. वहीं, आनंद प्रकाश ने आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया है कि मकान किराए पर दिया गया था, न कि बेचने के लिए, और यह विवाद अब न्यायालय के विचाराधीन है.

कारोबारी ने कही ये बात

इस मामले में कारोबारी आनंद प्रकाश ने अपने उपर दर्ज FIR को लेकर बताया कि,  उनके मकान को उन्होंने जनरल वीके सिंह को 25 हजार रुपए महीने के किराए पर दिया था, जिसको बेचने का सौदा नहीं किया गया था. जिसके बाद एक साल तक उन्हें किराया दिया गया और एक साल के बाद उसे मकान का किराया नहीं दिया गया. बाद में उसे उसे 1 करोड़ रुपए ड्राफ्ट से दिए गए लेकिन वो मकान खरीदने के लिए नहीं बल्कि किराए के लिए दिए गए थे. फिलहाल उनका विवाद कोर्ट में चल रहा है और मामले में जो कोर्ट निर्णय देगा उन्हें मंजूर होगा. 

वहीं मामले में एसीपी कविनगर अभिषेक श्रीवास्तव का कहना है कि, 'योगजा सिंह द्वारा दी गई शिकायत के आधार पर पुलिस द्वारा मुकदमा दर्ज किया गया है और अब मामले में विवेचना चल रही है.'
 

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