यूपी एसटीएफ ने रविवार को आयोजित हुई उत्तर प्रदेश अधिनस्थ सेवा चयन आयोग की सहायक बोरिंग टेक्नीशियन भर्ती परीक्षा में सॉल्वर गिरोह के सदस्य को गिरफ्तार कर गैंग का खुलासा किया है. एसटीएफ की टीम ने लखनऊ के विकास नगर स्थित महावीर इंटर कॉलेज से सॉल्वर को धर दबोचा है. साथ ही स्पेशल टास्क फोर्स ने उस परीक्षार्थी को भी गिरफ्तार किया है, जिसकी जगह पर सॉल्वर असिस्टेंट बोरिंग टेक्नीशियन की परीक्षा दे रहा था. दोनों के खिलाफ लखनऊ के विकासनगर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है.
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एसटीएफ ने क्या बताया?
एसटीएफ के डिप्टी एसपी प्रमेश शुक्ला ने बताया कि एसटीएफ को प्रदेश में होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं में अवैध तरीकों को अपनाकर असली अभ्यर्थियों की जगह पैसा लेकर सॉल्वर को बैठकर परीक्षाएं देने की सूचना प्राप्त हो रही थी. इसके चलते एसटीएफ सक्रिय थी और इसी के मद्देनजर जब विकास नगर स्थित महावीर इंटर कॉलेज में आयोजित बोरिंग टेक्नीशियन भर्ती परीक्षा में कुछ सॉल्वर के शामिल होने की खबर मिली, तो एसटीएफ की टीम कॉलेज पहुंची. यहां गेट पर ही जौनपुर के रहने वाले असली अभ्यर्थी संजय नाविक को धर दबोचा और फिर पूछताछ में संजय ने बताया कि उसके स्थान पर सॉल्वर अंकेश कुमार बैठकर परीक्षा दे रहा है.
डिप्टी एसपी प्रमेश शुक्ला ने बताया कि मूल अभ्यर्थी द्वारा दी गई जानकारी के उपरांत महावीर इंटर कॉलेज के प्रबंधक और केंद्र व्यवस्थापक को सूचना देकर उन्हें अवगत कराया गया और फिर वहां पहुंचकर सॉल्वर अंकेश कुमार को भी गिरफ्तार कर लिया गया. अंकेश बिहार के गया जिले का रहने वाला है और भर्ती परीक्षाओं में बतौर सॉल्वर बैठता रहा है. गिरफ्तार किए सॉल्वर अंकेश के पास से एसटीएफ ने प्रश्न पत्र, वीजा कार्ड, आधार कार और ओएमआर शीट बरामद की है.
डिप्टी एसपी शुक्ला ने आगे बताया कि गिरफ्तार अभ्यर्थी संजय नाविक कबुल किया है कि जौनपुर के सोनू यादव उर्फ स्वामीकांत यादव से 3 लाख रुपये में सहायक बोरिंग टेक्नीशियन कोऑपरेटिव परीक्षा-2019 की परीक्षा में सॉल्वर बैठाने को लेकर बात तय हुई थी, जिसमें 20 हजार रुपये परीक्षा के पहले सॉल्वर को देना था और बाकी बची हुई रकम परीक्षा के रिजल्ट आने के बाद सोनू यादव को देनी थी.
डिप्टी एसपी प्रमेश शुक्ला ने यह भी बताया कि गिरफ्तार सॉल्वर अंकेश ने एसटीएफ को पूछताछ में जानकारी साझा करते हुए बताया कि बिहार के नालंदा का रहने वाला राजन उर्फ टुनटुन सॉल्वर गिरोह का सरगना है. सोनू उर्फ स्वामीकांत यादव प्रतियोगी परीक्षाओं में सॉल्वर बैठाने के लिए राजन से संपर्क करता था और परीक्षाओं के बारे में जानकारी देता था.
राजन फोटो एडिटिंग कराकर और फर्जी आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज बनवाकर सॉल्वर को उपलब्ध कराता था, इतना ही नहीं फिर सोनू द्वारा जाली दस्तावेजों के आधार पर परीक्षार्थी का फॉर्म भरवाया जाता था, जिससे एग्जाम के समय जब फोटो का मिलान हो तब पता न चल सके.
एसपी प्रमेश शुक्ला ने यह भी बताया कि गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों के खिलाफ लखनऊ के विकास नगर थाने में धारा 419,420,467,468 और 471 के तहत मुकदमा पंजीकृत कराया गया है और आगे की कानूनी कार्यवाही स्थानीय पुलिस द्वारा की जा रही है.
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