'कांग्रेस का ये पाप कभी नहीं धुलेगा...', संविधान की चर्चा के दौरान सदन में पीएम मोदी का हमला

यूपी तक

14 Dec 2024 (अपडेटेड: 14 Dec 2024, 07:50 PM)

लोकसभा में शीतकालीन सत्र जारी है. इस दौरान भारत के संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर लोकसभा में बहस हो रही है. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संविधान पर चर्चा के लिए लोकसभा में हिस्सा लिया.

PM Modi Reply of Debate on Constitution

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PM Modi Reply of Debate on Constitution : लोकसभा में शीतकालीन सत्र जारी है. इस दौरान भारत के संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर लोकसभा में बहस हो रही है. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संविधान पर चर्चा के लिए लोकसभा में हिस्सा लिया. संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि,  भारत लोकतंत्र की जननी है और हमारा गणतंत्र पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा का स्रोत है. उन्होंने इस अवसर को भारत के लोकतंत्र के उत्सव का मानते हुए कहा, "यह हमारे लोकतंत्र के उत्सव को मनाने का अवसर है। भारत का नागरिक हर कसौटी पर खरा उतरा है और हमारे लोकतंत्र की सफलता का आधार रहा है."

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आर्टिकल-370 देश की एकता में बाधा थी...

पीएम मोदी ने कहा कि, 'आर्टिकल 370 को हटाने का फैसला एक महत्वपूर्ण कदम था, क्योंकि यह देश की एकता के मार्ग में एक बड़ी बाधा के रूप में देखा जा रहा था.  हम विविधता को सेलिब्रेट करते हैं, लेकिन गुलामी की मानसिकता में पले-बढ़े लोग विविधता में विरोधाभास ढूंढते रहे.'  प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विविधता में ऐसे जहरीले बीज बोने के प्रयास करते रहे, जिससे एकता को चोट पहुंचे. आर्टिकल-370 देश की एकता में रुकावट बना हुआ था, इसलिए धारा-370 को हमने खत्म कर दिया. 

 पीएम मोदी ने सदन में कही ये बात

प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में राजा पुरुषोत्तम दास टंडन और बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का उल्लेख किया और उनके अमूल्य योगदान की सराहना की. उन्होंने कहा, "राजर्षि टंडन और बाबा साहेब अंबेडकर जैसी महान विभूतियों ने भारत की लोकतांत्रिक नींव को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई. उनका योगदान अमूल्य है." पीएम मोदी ने इस लोकतांत्रिक यात्रा को देश के नागरिकों की महान उपलब्धि बताया और कहा, "मैं इस महान उपलब्धि के लिए देश के नागरिकों को नमन करता हूं."

प्रधानमंत्री ने भारत की एकता और अखंडता पर भी जोर दिया और कहा कि देश की एकता संकल्प से सिद्धि तक पहुंचने की सबसे बड़ी आवश्यकता है. उन्होंने आज़ादी के बाद की समस्याओं का उल्लेख किया और कहा कि विकृत मानसिकता और स्वार्थ की राजनीति के कारण देश की एकता पर गंभीर प्रहार हुए. साथ ही, उन्होंने बताया कि हमारी संस्कृति और परंपरा में विविधता का सम्मान करने की परंपरा रही है, परंतु कुछ लोगों ने विविधता में विरोधाभास खोजने का प्रयास किया. पीएम मोदी ने कहा कि यह समय है जब हमें इन चुनौतियों पर विजय पाकर आगे बढ़ना है.

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