हाथरस पीड़िता के परिवार से मिलने पहुंचे राहुल गांधी, भाजपा हुई हमलावर, ये बोले डिप्टी CM ब्रजेश पाठक

यूपी तक

12 Dec 2024 (अपडेटेड: 12 Dec 2024, 12:04 PM)

UP News: UP News: हाथरस पीड़िता के परिवार से मिलने राहुल गांधी दिल्ली से हाथरस पहुंच चुके हैं. राहुल गांधी अपने काफिले के साथ आज सुबह ही दिल्ली से हाथरस के लिए निकले थे.

Rahul Gandhi

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UP News: हाथरस पीड़िता के परिवार से मिलने राहुल गांधी दिल्ली से हाथरस पहुंच चुके हैं. राहुल गांधी अपने काफिले के साथ आज सुबह ही दिल्ली से हाथरस के लिए निकले थे. अब वह हाथरस में पीड़िता के गांव पहुंच चुके हैं. राहुल का काफिला पीड़िता के गांव बूलगढ़ी पहुंच चुका है.  

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बता दें कि ये पूरा मामला साल 2020 का है. यहां दलित युवती के साथ कथित गैंगरेप का मामला सामने आया था. इस घटना पर खूब सियासत हुई थी. पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया था. राहुल गांधी-प्रियंका गांधी समेत आम आदमी पार्टी, भीम आर्मी के कई बड़े नेता हाथरस पहुंचे थे.

आपको ये भी बता दें कि इस मामले की जांच पहले एसआईटी और फिर सीबीआई ने की थी. कोर्ट में गैंगरेप की पुष्टी नहीं हो पाई थी और कोर्ट ने 4 में से 3 को बरी कर दिया था. हत्या और एससी-एसटी एक्ट के तहत एक आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी.

भाजपा ने साधा निशाना

उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि राहुल गांधी के अंदर निराशा का भाव है. डिप्टी सीएम ने कहा, हाथरस मामले में सीबीआई ने जांच की है. कोर्ट में मामला चल रहा है. डिप्टी सीएम ने आगे कहा, राहुल गांधी कभी संभल जाना चाहते हैं तो कभी अलीगढ़ जाना चाहते हैं. ये लोग यूपी की जनता को नहीं भड़काए और यहां अराजकता ना फैलाएं. डिप्टी सीएम ने आगे कहा कि राहुल गांधी की इस तरह की हरकतों से देश और प्रदेश की जनता परेशान हो चुकी है.

अब जाने पूरा हाथरस कांड

14 सितंबर 2020 को हाथरस के बूलगढ़ी गांव में 19 साल की दलित युवती घायल अवस्था में मिली. पीड़िता अपनी मां और भाई के साथ स्थानीय चंदपा थाने पहुंची. थाने में पीड़िता के भाई ने आरोप लगाया कि गांव के संदीप ने उसकी बहन के साथ गलत काम किया है. पीड़िता की बिगड़ती हालत देख उसे सीएचसी ले जाया गया, जहां से उसे अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के जेएन मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया. घटना के अगले दिन 15 सितंबर को फिर केस दर्ज करवाया गया. आरोप लगाया गया कि पीड़िता अपनी मां के साथ चारा काटने गई थी. तभी गांव के युवक संदीप ने आकर उसे घसीटा और गला दबाकर उसकी हत्या की कोशिश की. पुलिस ने भी इसे पारिवारिक विवाद बताया और दावा किया कि जल्द ही आरोपी की गिरफ्तारी की जाएगी.

मामला तब तूल पकड़ा जब 5 दिन बाद 19 सितंबर को पीड़िता ने बयान दिया की संदीप के साथ दो अन्य लड़के भी थे. उसके साथ छेड़छाड़ भी की गई और उसकी जबान काट दी गई. पीड़िता के बयान के आधार पर पुलिस ने हत्या के प्रयास और छेड़छाड़ की धाराओं को बढ़ाया और मुख्य आरोपी संदीप को गिरफ्तार कर लिया. इसी बीच इलाज के दौरान युवती की मौत हो गई. इसके बाद इस घटना पर खूब सियासत हुई. पुलिस ने सभी चार आरोपियों संदीप ठाकुर, लव कुश, रामू और रवि को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. कांग्रेस से लेकर भीम आर्मी और आम आदमी पार्टी के लोग हाथरस पहुंचने लगे, लेकिन मामला तब और बिगड़ गया जब पीड़िता का शव गांव पहुंचा तो अगले ही दिन सुबह 3 बजे पुलिस की मौजूदगी में घर वालों को दबाव में लेकर उसका रात के अंधेरे में अंतिम संस्कार करवा दिया गया.

कोर्ट में गैंगरेप का आरोप सिद्ध नहीं हुआ

सीबीआई ने अलीगढ़ जेल में बंद चारों आरोपियों का पॉलीग्राफ और ब्रेन मैपिंग करवाई. 67 दिनों की जांच के बाद 18 दिसंबर 2020 को हाथरस के एससी एसटी कोर्ट में चारों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी थी. सीबीआई ने इस मामले में 35 लोगों की गवाही करवाई. 2 मार्च 2023 को कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद तीन आरोपियों लव, कुश और रामू रामकुमार रवि उर्फ रविंद्र सिंह को बरी कर दिया. इस मामले में एक अन्य आरोपी संदीप सिसोदिया को दोषी मानते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई. अदालत में सुनवाई के बाद आरोपी संदीप सिसोदिया पर गैर इरादान हत्या और एससी-एसटी एक्ट में दोषी माना. सुनवाई के बाद चारों आरोपी में किसी पर भी गैंगरेप का आरोप सिद्ध नहीं हुआ.

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