UPTET पेपर लीक: 60 रुपये प्रति पेपर की दर और ठेका ऐसी कंपनी को जिसके पास अनुभव ही नहीं!

संतोष शर्मा

• 05:35 PM • 01 Dec 2021

UPTET पेपर लीक मामले में 2 दिनों तक सॉल्वर और सॉल्वर गैंग सरगना से पूछताछ के बाद यूपी एसटीएफ ने बड़ी मछलियो को पकड़ना शुरू…

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UPTET पेपर लीक मामले में 2 दिनों तक सॉल्वर और सॉल्वर गैंग सरगना से पूछताछ के बाद यूपी एसटीएफ ने बड़ी मछलियो को पकड़ना शुरू कर दिया है. पेपर लीक मामले में पेपर छापने वाली कंपनी के मालिक की गिरफ्तारी के बाद यूपी एसटीएफ ने शिक्षा विभाग के उस अवसर को भी गिरफ्तार कर लिया, जिसने ऐसी कंपनी को पेपर छापने का ठेका दिया, जो आरोपों के मुताबिक मानकों को पूरा ही नहीं कर रही थी. ऐसी कंपनी, जिसके पास टीईटी जैसी परीक्षा का पेपर छापने का अनुभव भी नहीं था.

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यूपी एसटीएफ ने ठेका लेकर चार अन्य प्रिंटिंग प्रेस से पेपर छपवाने के आरोपी राय अनूप प्रसाद को गिरफ्तार किया. सचिव संजय उपाध्याय से पूछताछ की, तो पता चला कि ठेका देने से पहले आरएसएम फींसर्व लिमिटेड का कभी किसी अधिकारी या खुद सचिव संजय उपाध्याय ने दौरा कर जांच तक करने की जहमत नहीं उठाई थी. किसी ने यह नहीं जानना चाहा कि जिस कंपनी को करोड़ों का ठेका दिया जा रहा है, 20 लाख नौजवानों के भविष्य का फैसला करने वाली परीक्षा की जिम्मेदारी दी जा रही है, वह कंपनी संसाधनों से लैस है भी या नहीं.

नियमों की अनदेखी लापरवाही और गोपनीयता भंग करने के मामले में सचिव संजय उपाध्याय को नोएडा के सूरजपुर थाने में एसटीएफ की तरफ से दर्ज कराई गई FIR के तहत गिरफ्तार कर लिया गया. यूपी एसटीएफ ने इस मामले में राय अनूप प्रसाद से पूछताछ की और एक टीम ने कंपनी का मुआयना किया तो पता चला कि RSM finserv ने कभी ऑफलाइन परीक्षा कराई ही नहीं. यह कंपनी तो परीक्षा कराने की कंसल्टेंसी एजेंसी का काम करती है. ऑनलाइन परीक्षा कराती है, लेकिन ऑफलाइन परीक्षा कराने का कोई अनुभव नहीं रहा है.

सचिव संजय उपाध्याय के द्वारा परीक्षा से ठीक 1 महीना 2 दिन पहले यानी 28 नवंबर को हुई इस परीक्षा की पेपर छपाई का ठेका 26 अक्टूबर को राय अनूप प्रसाद की कंपनी को दिया गया. राय अनूप प्रसाद ने इतने बड़े पैमाने पर पेपर छापने का काम हासिल, तो कर लिया लेकिन उनके पास ना तो इतने बड़े पैमाने पर पेपर छापने की प्रिंटिंग प्रेस थी और ना ही टीईटी जैसा पेपर छापने के लिए के लिए बरती जाने वाली गोपनीयता और सुरक्षा की प्रॉपर व्यवस्था. राय अनूप प्रसाद ने वर्क ऑर्डर पूरा करने के लिए पेपर छापने का काम चार अन्य प्रिंटिंग प्रेस को दे दिया. बिना मानक के प्रिंटिंग प्रेस से पेपर छपवा कर राय अनूप प्रसाद ने टीईटी का पेपर 27 नवंबर की शाम तक सभी जिलों की ट्रेजरी में पहुंचाया भी दिया.

यूपी एसटीएफ ने शिक्षक पात्रता परीक्षा मामले में मंगलवार को जहां पेपर छापने का ठेका लेने वाली कंपनी के मालिक राय अनूप प्रसाद को गिरफ्तार किया, तो वहीं बुधवार को सचिव शिक्षा नियामक प्राधिकारी संजय उपाध्याय को भी पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया. संजय उपाध्याय PCS अफ़सर हैं और उन्हें ही टीईटी के प्रश्न पत्र को छपवाने की जिम्मेदारी दी गई थी. प्रत्येक प्रश्नपत्र ₹60 की दर से दिए गए इस ठेके में पेपर छापने के साथ-साथ पूरी गोपनीयता के साथ पेपर को ट्रेजरी तक पहुंचाने की भी जिम्मेदारी राय अनूप प्रसाद की कंपनी को दी गई थी.

अब तक यूपी एसटीएफ और जिला पुलिस 34 से अधिक लोगों को टीईटी पेपर लीक मामले में गिरफ्तार कर चुकी है. एसटीएफ को शक है कि पेपर छपाई में बरती गई इसी लापरवाही का सॉल्वर गैंग ने फायदा उठाया. या तो सॉल्वर गैंग ने अपने नेटवर्क से प्रिंटिंग प्रेस से पेपर हासिल किया या फिर प्रिंटिंग प्रेस के कर्मचारी ने ही जल्द पैसा कमाने के लालच में पेपर पहले कुछ लोगों को बेचा पर धीरे-धीरे यह सॉल्वर गैंगो तक पहुंचकर बड़े पैमाने पर लीक हुआ. यूपी एसटीएफ अब उस सिरे को जोड़ने की कोशिश कर रही है, जो पेपर छापने वाली प्रिंटिंग प्रेस और पेपर लीक करने वाले सॉल्वर गैंग को जोड़ रहा हो. अभी भी यूपीएसटीएफ यह नहीं पता लगा पाई कि वह कौन शख्स था जिसने टीईटी पेपर लीक मामले में सबसे पहला पेपर हासिल कर लीक किया था.

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