जयंत, RLD के साथ आने से BJP का कोई फायदा हुआ भी या नहीं? CSDS के इस सर्वे में सब पता चल गया

यूपी तक

21 Jun 2024 (अपडेटेड: 21 Jun 2024, 04:24 PM)

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा ने यूपी में जयंत चौधरी की राष्ट्रीय लोकदल से गठबंधन किया था. अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या भापजा को रालोद से गठबंधन करने का कोई फायदा मिला या नहीं?

Jayant Chaudhary (Photo: Chandradeep Kumar)

Jayant Chaudhary (Photo: Chandradeep Kumar)

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UP News: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं हैं. मालूम हो कि भाजपा यहां 80 में से 80 लोकसभा सीटें जीतने का दावा कर रही थी. मगर सपा ने बड़ा उलटफेर करते हुए सूबे की सिंगल लार्जेस्ट पार्टी बन गई और भाजपा यहां 33 सीटें ही जीत पाई. बता दें कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा ने यूपी में जयंत चौधरी की राष्ट्रीय लोकदल से गठबंधन किया था. अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या भापजा को रालोद से गठबंधन करने का कोई फायदा मिला या नहीं? बता दें कि इस मामले पर सीएसडीएस-लोकनीति के सर्वे से चौंकाने वाले नतीजे सामने आए हैं, जिन्हें आप खबर में आगे जान सकते हैं.

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सीएसडीएस-लोकनीति के सर्वे के अनुसार, यूपी में रालोद के साथ गठबंधन बीजेपी के लिए फायदेमंद रहा. इससे पार्टी को किसानों के बीच वोट पर पकड़ बनाने में मदद मिली. सर्वे से पता चला है कि यूपी में किसानों में से 40% ने इंडिया गठबंधन को वोट दिया जबकि 48% ने एनडीए के पक्ष में मतदान किया. वहीं, गैर किसानों में 45% ने इंडिया गठबंधन जबकि 42% एनडीए के लिए मतदान दिया.

 

 

रालोद का किन सीटों पर माना जाता है प्रभाव?

आपको बता दें कि गठबंधन के तहत रालोद ने बिजनौर और बागपत सीटों पर चुनाव लड़ा था. दोनों ही जगह पार्टी को जीत हासिल हुई. वहीं, यूपी की कुछ और सीटें हैं, जहां रालोद का प्रभाव माना जाता है. इन सीटों में अमरोहा, मेरठ, कैराना, मथुरा और मुजफ्फरनगर शामिल हैं. इनमें से चुनाव में भाजपा ने अमरोहा, मेरठ और मथुरा में जीत हासिल की है. अब सीएसडीएस-लोकनीति के सर्वे के बाद यह कहा जा सकता है कि इन तीनों सीटों पर भाजपा को रालोद से गठबंधन का फायदा मिला होगा.

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