Kairana Lok Sabha exit poll 2024: यूपी समेत देशभर की लोकसभा सीटों पर वोटिंग समाप्त होने के बाद अब Lok Sabha Election 2024 के Exit poll सामने आ गए हैं. हम यहां आपको कैराना (Kairana Lok Sabha seat) लोकसभा सीट पर हुई वोटिंग के बाद यहां के स्थानीय पत्रकारों का एग्जिट पोल बता रहे हैं. यहां बीजेपी ने मौजूदा सांसद प्रजीप चौधरी को टिकट दिया है. सपा और कांग्रेस के इंडिया गठबंधन से इकरा हसन मैदान में हैं. बसपा ने श्रीपाल राणा को टिकट दिया है. क्या इकरा हसन यहां से बीजेपी को हराने में कामयाब हो पाएंगी? आइए आपको बताते हैं कि स्थानीय पत्रकारों को अपने एग्जिट पोल में क्या दिखा.
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पत्रकार कंवरपाल सिंह कहते हैं, 'कैराना पर सबकी निगाहें. यूपी की पहली और आखिरी सीट मान सकते हैं. इस लोकसभा सीट में सपा और भाजपा के बीच कड़ी टक्कर है. भाजपा ने मौजूदा सांसद पर दांव खेला है. सपा ने इकरा हसन को उतारा है, जिनकी लोकप्रियता है. बीजेपी प्रत्याशी से शिकायत रही कि उनका आम जनता से कनेक्ट कम रहा. इकरा लोगों के बीच मौजूद रहीं. पर इस सीट पर कांटे की टक्कर है. यहां हार जीत की मार्जिन काफी क्लोज रहेगी.'
‘बीजेपी प्रत्याशी काफी मजबूत’
पत्रकार भूदेव शर्मा ने बताया कि, 'यहां से बीजेपी प्रत्याशी काफी मजबूत हैं. उनके काम काफी हैं, इसलिए उनको कमजोर नहीं आंकना चाहिए. इकरा हसन को भी कमजोर नहीं समझना चाहिए. इकरा के लिए पूरे चुनाव में कोई बड़ा नेता नहीं आया. वैसे यहां काफी टक्कर रहेगी.'
‘कैराना में नेक टू नेक फाइट’
पत्रकार रवि ने बताया, 'कैराना में चुनाव के दौरान नेक टू नेक फाइट दिखी. इकरा मजबूत मानी जा रही थीं, लेकिन बीजेपी बूथ पर काफी मजबूत है. बीजेपी ने अपना बैकअप मजबूत कर रखा है. इनका वोटबैंक मजबूत है. वोटिंग प्रतिशत भी बेहतर नहीं रहा, इसलिए बेहद कम अंतर से हार-जीत का फैसला होगा. इकरा को ये फायदा जरूर हुआ है कि सरकार की नीतियों का जिनको लाभ नहीं मिला वो उनके बीच गईं और उन्होंने मुद्दे को भुनाने की कोशिश की.'
‘इकरा का परिवार सभी वर्गों के साथ खड़ा रहा’
पत्रकार सनी ने बताया, 'कैराना में भाजपा प्रत्याशी का विरोध देखने को मिला है.वो क्षेत्र में कम दिखे, उनका काम भी कम दिखा. इकरा हसन का परिवार हमेशा से सभी वर्गों के लोगों के साथ खड़ा रहा है. इकरा हसन का चेहरा नया है. उन्होंने जोरदार चुनाव लड़ा है. अंदाजा लगाया जा रहा है कि वह कम से कम 25 हजार वोटों से चुनाव जीतेंगी.'
इकरा हसन को मिल रही बढ़त!
पत्रकार रवि जागलान बताते हैं, 'चुनावी समीकरण तो 4 जून को साफ होगा. पहले कयास लगाया गया कि बीजेपी आगे रहेगी. प्रदीप चौधरी और इकरा हसन के बीच मुकाबला है. 2022 के विधानसभा चुनाव में नाहिद हसन जेल में थे, फील्ड में इकरा हसन थीं, नाहिद जीत गए. इकरा लोगों के बीच में रहीं और इस बात को सराहा गया.' रवि भी इकरा की बढ़त की बात कहते नजर आ रहे हैं.
‘RLD के आने का बीजेपी को मिलेगा फायदा’
पत्रकार पंकज प्रजापति बताते हैं, '4 जून को नतीजे आने वाले हैं. 2019 के चुनाव में लहर देखने को मिली थी. इस बार का चुनाव अलग है. ये जाट बाहुल्य क्षेत्र है. जयंत चौधरी बीजेपी के साथ आए हैं. जाट एकतरफा वोट करेगा. इस जाट बेल्ट में आरएलडी का बीजेपी के साथ आना ये प्लस पॉइंट रहेगा. बीजेपी शायद इस बार कम वोटों से जीते लेकिन यहां टक्कर देखने को जरूर मिल रही है.'
‘जयंत चौधरी का फायदा इस सीट पर बीजेपी को नहीं’
पत्रकार पंकज मलिक कहते हैं, 'कैराना का चुनाव टक्कर का रहा है. बीजेपी के कैंडिडेट प्रदीप चौधरी का विरोध रहा कि वो अपने क्षेत्र में नहीं आए. इकरा हसन ने अपनी विरासत संभाली है. इकरा हसन ने अपने परिवार की राजनीति को संभाला और लोगों के बीच में जाती रहीं. इसी का परिणाम है कि आज वह चुनाव में बनी हुई हैं. कैराना में बराबर की टक्कर रहने वाली है, लेकिन इकरा हसन मजबूत दिख रही हैं. इकरा हसन के साथ नौजवान दिखे हैं. जयंत चौधरी की एक चुनावी रैली हुई थी, लेकिन उसमें ज्यादा लोग मौजूद नहीं दिखे. इसबार उनके लोगों में उतना उत्साह नहीं दिखा. हालांकि बीजेपी को बाकी जगहों पर फायदा जरूर मिलेगा जयंत चौधरी का लेकिन इस क्षेत्र में वो फायदा होता नजर नहीं आता.'
2019 के एसे थे नतीजे
पार्टी | प्रत्याशी | वोट |
भाजपा | प्रदीप चौधरी | 566,961 |
सपा+बसपा | तबस्सुम हसन | 4,74,801 |
कांग्रेस | हरेंद्र मलिक | 69,355 |
जीत हार का अंतर | 92,160 |
नोट: यह महज एग्जिट पोल और पत्रकारों के आकलन का दावा है. 4 जून को इस सीट पर नतीजे इससे अलग भी हो सकते हैं.
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