Sambhal Violence: संभल में जामा मस्जिद सर्वे के दौरान हिंसा में 3 लोगों की मौत, कई पुलिसकर्मी भी घायल

अभिनव माथुर

24 Nov 2024 (अपडेटेड: 24 Nov 2024, 04:01 PM)

Sambhal Jama Masjid Violence:  उत्तर प्रदेश में जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान हुए बवाल में 3 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है.

Sambhal Jama Masjid Violence

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Sambhal Jama Masjid Violence :  उत्तर प्रदेश में जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान हुए बवाल में 3 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है. जिले के एसपी कृष्ण कुमार ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर सर्वे करने गई टीम पर स्थानीय लोगों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी, जिससे पुलिस को आंसू गैस का प्रयोग करना पड़ा. इस हंगामे के दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की गाड़ियों में आग लगा दी. घटना में एसपी समेत कई पुलिसकर्मी घायल हो गए.

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हिंसा में एसपी समेत कई पुलिसकर्मी घालय

संभल जामा मस्जिद में रविवार सुबह सर्वे के दौरान बवाल इतना बढ़ गया कि पुलिस ने पहले आंसू गैस के गोले दागे फिर लाठीचार्ज करके भीड़ को खदेड़ा. हालात 3 घंटे से बेकाबू है.  गलियों में जगह-जगह पथराव हुए और   उग्र भीड़ ने कई गाड़ियों में आग लगा दी. वहीं पथराव में  संभल के एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई भी घायल हो गए हैं. एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई के अलावा कोतवाली प्रभारी अनुज तोमर सहित कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं. 

सर्वे के दौरान भड़की हिंसा

एसपी कृष्ण कुमार ने कहा कि पत्थरबाजों ने पुलिसकर्मियों को निशाना बनाने की कोशिश की. इसके लिए उनके खिलाफ एनएसए के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि घटना की ड्रोन से वीडियोग्राफी की गई है और सीसीटीवी फुटेज से दंगाइयों की पहचान की जा रही है. घटना के बाद तनाव को देखते हुए मुरादाबाद के डीआईजी मुनिराज और बरेली जोन के एडीजी रमित शर्मा को मौके पर भेजा गया. इलाका में पीएसी की तीन कंपनियाँ भी तैनात की गई हैं. मस्जिद में एडवोकेट कमिश्नर ने सुबह साढ़े सात बजे से लेकर दस बजे तक सर्वे किया. रिपोर्ट 29 नवंबर को पेश की जाएगी.

हिंदू पक्ष ने दावा किया है कि यह मस्जिद एक प्राचीन हिंदू मंदिर के स्थान पर है, इसी वजह से विवाद पनप रहा है. इस पर अखिलेश यादव ने योगी सरकार को घेरते हुए पूछा कि जब सर्वे पहले ही हो चुका था तो फिर से क्यों कराया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि यह सब चुनावी रणनीति के तहत किया जा रहा है ताकि चुनाव से ध्यान हटाया जा सके. पूर्व सीएम ने कहा कि यह सब बीजेपी और प्रशासन की मिलीभगत से हो रहा है ताकि सच्ची समस्याओं पर चर्चा न हो सके. लोगों को इस तरह दबाने का प्रयास लोकतंत्र के लिए खतरनाक है.

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