Uttar Pradesh News : लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन के बाद अखिलेश यादव अब केंद्रीय राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने की तैयारी में हैं. जानकारी के मुताबिक कन्नौज से सांसद चुने जाने के बाद अखिलेश यादव यूपी विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे सकते हैं. 2027 तक जब तक उत्तर प्रदेश में चुनाव नहीं होते तब तक अखिलेश यादव संसद में अपनी पार्टी का नेतृत्व करेंगे. इतना ही नहीं यूपी विधानसभा में वे शिवपाल यादव को नेता प्रतिपक्ष भी बना सकते हैं.
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अखिलेश करेंगे केंद्र की राजनीति
बता दें कि समाजवादी पार्टी के तीन वरिष्ठ नेता और विधायक इस बार सांसद चुने गए हैं, जिसमें अखिलेश यादव के साथ विधानसभा में बैठने वाले अयोध्या से नए चुने के सांसद अवधेश प्रसाद है. उसके अलावा अम्बेडकर नगर से सांसद चुने गए लालजी वर्मा भी सांसद में अखिलेश के साथ होंगे. वहीं यूपी विधानसभा में मनोज पांडे जो सपा के मुख्य सचेतक थे, वह लोकसभा चुनाव के बीच में सपा का साथ छोड़कर भाजपा में जा चुके हैं.
शिवपाल का नाम सबसे आगे
वहीं अखिलेश यादव को दिल्ली जाने पर उत्तर प्रदेश में विधानसभा में पार्टी का नेता कौन होगा इसे लेकर चर्चा शुरू हो गई. पार्टी के भीतर दूसरी चर्चा अखिलेश यादव के करहल से विधायक की को छोड़ने के बाद वहां कौन चुनाव लड़ेगा यह भी है. क्या शिवपाल यादव को विधायक दल का नेता बनाया जाएगा? इसपर फैसला अखिलेश लेंगे. लेकिन शिवपाल यादव अब विधायक दल में सबसे वरिष्ठतम सदस्य हैं माना जा रहा है कि उन्हें यह पद दिया जा सकता है. वहीं मैनपुरी के करहल विधानसभा से अखिलेश यादव की जीत के बाद यह भी चर्चा है कि अखिलेश अपने भतीजे तेज प्रताप यादव को वहां से चुनाव लड़ा सकते हैं. बता दें कि अक्षय को कन्नौज से पहले टिकट दिया गया था बाद में कार्यकर्ताओं के विरोध के बाद अखिलेश यादव खुद चुनाव मैदान में उतरे.
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