Uttar Pradesh News : लोकसभा चुनाव की तारीखें जैसे-जैसे नजदीक आ रही हैं, वैसे-वैसे पूरे देश में सियासी पारा बढ़ता ही जा रहा है. सीटों के लिहाज से देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में भी सियासी सरगर्मियां काफी तेज हैं. यूपी में जीत को लेकर सभी राजनीतिक दल अपने-अपने दावे कर रहे हैं. यूपी में एक तरफ सपा और कांग्रेस का गठबंधन या यू कहें राहुल गांधी को अखिलेश यादव की जोड़ी एक साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है तो दूसरी तरफ भाजपा गठबंधन चुनावी मैदान में हैं. वहीं इस लोकसभा चुनाव में कौन कितना कामयाब होगा रिजल्ट के बाद पता चलेगा पर चुनाव से पहले एक ताजा सर्वे में चौंकाने वाला आंकड़े सामने आए हैं.
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यूपी में किसकी लहर!
बता दें कि पहले चरण के मतदान से ठीक पहले इंडिया टीवी-CNX का ओपिनियन पोल सामने आया है, इस सर्वे में उत्तर प्रदेश को लेकर चौंकाने वाला दावा किया गया है. इंडिया टीवी-CNX के ओपिनियन पोल की माने तो उत्तर प्रदेश में बीजेपी की आंधी चल रही है. इस ओपिनियन पोल में भाजपा के नेतृत्व वाले NDA को लेकर बड़ा दावा किया गया है. इस सर्वे के अनुसार यूपी में बीजेपी नीत NDA को 77 सीट तो इंडिया अलायंस (सपा और कांग्रेस) के खाते में मात्र 3 सीटे जाते दिख रही हैं. वहीं मायावती की बसपा इस बार शून्य पर सिमटती दिख रही है. सर्वे के मुताबिक कि इंडिया गठबंधन में तीनों सीट सपा के खाते में जा रही हैं और कांग्रेस खाता भी नहीं खुलते हुए दिख रहा है.
यूपी में तीन गठबंधन के बीच लड़ाई
आपको बता दें कि यूपी में तीन गठबंधन चुनावी मैदान में हैं. इंडिया, एनडीए के अलावा पीडीएम न्याय मोर्चा भी चुनाव लड़ रहा है. इंडिया गठबंधन में समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस शामिल है तो वहीं भाजपा के साथ जयंत चौधरी की लोकदल, ओपीराजभर के साथ-साथ अनुप्रिया पटेल की अपना दल (सोनेलाल) है. वहीं तीसरे मोर्चे यानी पीडीएम न्याय मोर्चा की बात करें तो उसमें पल्लवी पटेल और औवैसी की AIMIM शामिल हैं. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती ने ऐलान किया है कि वह आगामी चुनाव किसी के साथ नहीं बल्कि अकेले लड़ेंगी.
2019 में सपा-बसपा नहीं कर पाई थी कमाल
गौरतलब है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा के गठबंधन के सभी अंकगणित को गलत साबित हुए थे. तब भाजपा और उसके सहयोगी अपना दल (एस) ने गठबंधन सहयोगियों को ध्वस्त करते हुए 80 लोकसभा सीटों में से 64 सीटें जीती थीं. वहीं, सपा को 5 और बसपा को 15 सीटें मिली थीं. कांग्रेस ने एकमात्र रायबरेली सीट जीती थी.
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