मिर्जापुर के मुस्लिम कारसेवक मोहम्मद हबीब अयोध्या में बन रहे राम मंदिर को लेकर हुए भावुक

यूपी तक

• 09:40 AM • 07 Jan 2024

मिर्जापुर के मोहम्मद हबीब को भी अक्षत और एक पत्र आया, जिसके साथ ही राम मंदिर की एक तस्वीर भी थी. अक्षत पाकर मोहम्मद हबीब भावुक हो गए हैं.

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अयोध्या में आगामी 22 जनवरी को रामलला को गर्भ गृह में स्थापित कर दिया जाएगा. 22 जनवरी को होने वाले रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा समारोह को लेकर तैयारियां जोरों-शोरों पर हैं. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट, अतिथियों को निमंत्रण पत्र भेजने के साथ ही ‘अक्षत निमंत्रण’ भी भेजा जा रहा है. मिर्जापुर के मोहम्मद हबीब को भी अक्षत और एक पत्र आया, जिसके साथ ही राम मंदिर की एक तस्वीर भी थी. अक्षत पाकर मोहम्मद हबीब भावुक हो गए हैं.

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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जिला इकाई में विभिन्न पदों पर रह चुके 70 वर्षीय पूर्व ‘कारसेवक‘ हबीब ने मिर्जापुर से ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ”अक्षत पाकर मैं भावुक हो गया.

अक्षत के साथ पत्र और राम मंदिर की तस्वीर अयोध्या से भेजी गई है क्योंकि 22 जनवरी को भव्य अभिषेक समारोह की तैयारी चल रही है.

हबीब ने बताया कि वह समारोह को अपने घर से टीवी पर देखेंगे और 22 जनवरी के बाद किसी भी दिन मंदिर जाएंगे क्योंकि पिछले दिनों अयोध्या आए प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने 22 जनवरी के बाद लोगों से अयोध्या आने का आग्रह किया था.

उनका कहना है कि वह एक ‘कार सेवक’ थे और दो दिसंबर, 1992 से ‘अपने लोगों के समूह’ के साथ चार से पांच दिनों के लिए अयोध्या में रुके थे. 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद गिरा दी गई थी.

हबीब ने बताया कि हिंदू और मुस्लिम पक्षों के बीच लंबी कानूनी लड़ाई नौ नवंबर, 2019 को सुलझी, जब उच्चतम न्यायालय के एक आदेश ने अयोध्या में विवादित स्थल पर एक सरकारी ट्रस्ट द्वारा राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया और फैसला सुनाया कि अयोध्या में एक मस्जिद के लिए वैकल्पिक पांच एकड़ का भूखंड होना चाहिए. मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी को निर्धारित किया गया है.

हबीब कहते हैं, ”यह सभी के लिए एक ऐतिहासिक दिन होगा.” उन्होंने कहा, ‘हमें यह तारीख बहुत तपस्या और बहुत सारी लड़ाइयों के बाद मिली है. मैं भाजपा का पुराना सदस्य हूं. लगभग 32 वर्षों के बाद मुझे परिणाम मिले और पुरानी यादें ताजा हो गईं.”

हबीब का कहना है कि वह भगवान राम को अपना पूर्वज मानते हैं और पूर्वजों को याद करना ही भारतीयता है.

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मिर्ज़ापुर से कारसेवक के रूप में मोहम्मद हबीब 2 दिसंबर 1992 को अयोध्या गये थे. वाराणसी कैंट से 50 कारसेवकों के साथ मोहम्मद हबीब अयोध्या पहुचे थे. उस समय वह भाजपा युवा मोर्चा में जिला उपाध्यक्ष के पद पर थे. उस पल को याद कर मोहम्बद हबीब ने यूपी तक को बताया कि, ‘ हम सब अयोध्या उतरे तो वहां पर चार से पांच दिन रहे. विहिप के अशोक सिंघल और बजरंग दल के विनय कटियार का भाषण सुना.फिर आदेश यहां की सरयू तट से बालू लेकर आए. हम लोगों के सामने ढांचा टूटा और समतल हुआ. इसके बाद हम लोगों को आदेश हुआ. वापस लौटने का वाराणसी लौट आए. निमंत्रण पत्र मिलने की खुशी जताते हुए मोहम्बद हबीब ने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा हो जाने के बाद अयोध्या प्रभु राम के दर्शन के लिए जरूर जाऊंगा.’

(भाषा के इनपुट्स के साथ)

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