Ayodhya Ram Mandir: बाबरी टूटी तो मुस्लिम शख्स ने इन कारसेविका को क्यों खिलाया था पेड़ा?

यूपी तक

11 Jan 2024 (अपडेटेड: 11 Jan 2024, 12:49 PM)

Ayodhya Ram Mandir: 96 साल की बुजुर्ग कारसेविका शालिनी दाबीर अयोध्या आंदोलन में भाग लेने कई बार अयोध्या गईं. वह गोलीकांड के समय भी अयोध्या थी तो वहीं वह 6 दिसबर 1992 वाले दिन भी अयोध्या में ही थी. उन्होंने इस आंदोलन के कुछ बहुत ही रोचक बातें बताई.

Ayodhya Ram Mandir: बाबरी टूटी तो मुस्लिम शख्स ने इन कारसेविका को क्यों खिलाया था पेड़ा?

Ayodhya Ram Mandir: बाबरी टूटी तो मुस्लिम शख्स ने इन कारसेविका को क्यों खिलाया था पेड़ा?

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Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो रहा है. आने वाली 22 जनवरी के दिन रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम भी हो जाएगा. मगर इस आंदोलन को जिन लोगों ने अपनी आंखों से देखा, वह शायद ही कभी जिंदगी में इस आंदोलन की तस्वीरें भुल पाएंगे. जिन लोगों ने इस आंदोलन में भाग लिया, उनके मन में हमेशा आंदोलन की यादें ताजा रहेगी. कुछ ऐसी ही यादें हैं 96 साल की बुजुर्ग कारसेविका शालिनी दाबीर की. ये बुजुर्ग कारसेविका उस समय अयोध्या में ही मौजूद थीं, जब मुलायम सिंह यादव की सरकार ने कारसेवकों पर गोलियां चलवाई थी. ये उस समय भी अयोध्या में ही मौजूद थी, जब कारसेवकों ने बाबरी मस्जिद को गिरा दिया था. इस दौरान इन कारसेविका ने ये भी बताया कि जब बाबरी गिराई गई, उस दौरान मुस्लिम शख्स ने उन्हें पेड़ा भी खिलाया था

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96 साल की बुजुर्ग की जुबानी सुनिए अयोध्या की कहानी

96 साल की बुजुर्ग कारसेविका शालिनी दाबीर ने यूपीतक से बात करते हुए बताया, हम जब कारसेवा के लिए अयोध्या जा रहे थे, उस दौरान लोगों ने हमारा बहुत साथ दिया. लेकिन पुलिस और सरकार ने हमको बहुत सताया. पुलिस ने हम लोगों को बहुत मारा. हमारे साथ सब कुछ किया. लेकिन हम डरे नहीं. हम बोले कि हम तो अयोध्या जाएंगे ही. आप चाहे कुछ भी करों.

बुजुर्ग कारसेविका ने बताया, हमको पुलिस ने प्रयागराज में रोक लिया और वहां बंद कर दिया. मगर हम किसी तरह से वहां से भाग निकले. हम किसी तरह से बचते बचाते अयोध्या जा पहुंचे. अयोध्या जाना भी आसान नहीं था. पुलिस सड़कों पर तैनात थी. ऐसे में हमने खेतों का सहारा लिया. हम खेतों का सहारा लेते-लेते अयोध्या जा पहुंचे.

1992 की सुनाई ये कहानी

इस दौरान बुजुर्ग कारसेविका ने 1992 की पूरी कहानी भी अपनी जुबानी बताई. उन्होंने बताया, उस साल सरकार हमारी थी. ऐसे में हमें कोई समस्या नहीं हुई. हम पूरे सम्मान के साथ अयोध्या पहुंचे. जब बाबरी गिरी तो करीब 2 घंटे तक वहां धूल ही धूल उड़ी. इसके बाद पूरे अयोध्या में दीप जलाए गए और हमने राम-लक्ष्मण और सीता जी की पूजा की.

‘मुस्लिम शख्स ने खिलाया पेड़ा’

कारसेविका ने बताया कि इस दौरान एक बुजुर्ग मुस्लिम शख्स वहां था. उसने मेरे मुंह में पेड़ा डाला. उसने कहा कि ये आपका हक था, जो आपको मिला. हम इससे खुश हैं. बुजुर्ग कारसेविका ने बताया कि जिस समय अयोध्या में ये सब हो रहा था, तो हम में से किसी को भी डर नहीं लगा. हमें लगा कि ज्यादा से ज्यादा क्या होगा, हम यही खत्म हो जाएंगे.

आज जब राम मंदिर का निर्माण हो रहा है तो बुजुर्ग कारसेविका शालिनी दाबीर का कहना है कि उन्हें मंदिर बनने की बहुत खुशी है. इसे वह शब्दों में बयां नहीं कर सकती. इस उम्र में भी वह अयोध्या जाकर रामलला के दर्शन करना चाहती हैं.

(सौरभ वक्तानिया के इनपुट के साथ)

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