कौन हैं बिजनौर की टीचर आयशा तनवीर जिनके सस्पेंड होने के बाद बच्चे रोने लगे?

यूपी तक

• 08:56 AM • 29 Aug 2024

Bijnor News: उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले से बीते दिनों एक भावनात्मक तस्वीर सामने आई. दरअसल, जिले के भनेड़ा उच्च प्राथमिक विद्यालय में टीचर तनवीर आयशा के निलंबन के बाद बच्चे रोने लगे.

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Bijnor News: उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले से बीते दिनों एक भावनात्मक तस्वीर सामने आई. दरअसल, जिले के भनेड़ा उच्च प्राथमिक विद्यालय में टीचर तनवीर आयशा के निलंबन के बाद बच्चे रोने लगे. टीचर आयशा पर आरोप था कि उन्होंने तिलक लगाकर आने वाले बच्चों को स्कूल में आने से मना किया था. इस घटना ने न केवल गांव में बल्कि मीडिया में भी हलचल मचा दी. मगर जब टीचर आयशा को स्कूल से विदाई दी गई, तो बच्चों की भावनाओं ने सबको चौंका दिया.

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टीचर के सस्पेंड होने पर बच्चों ने ये कहा

 

टीचर आयशा के सस्पेंड होने की खबर मिलते ही जब वह स्कूल से जा रही थीं, तब बच्चे रोने लगे. इस भावुक दृश्य ने सभी का दिल छू लिया. ऐसा कहा जा रहा है कि बच्चों ने कहा कि अगर आयशा मैडम को स्कूल से निकाला गया, तो वे भी यहां नहीं पढ़ेंगे और साथ ही उन्होंने अपना ट्रांसफर सर्टिफिकेट (टीसी) कटवाने की बात कही. बच्चों ने इस बात का भी विरोध किया कि आयशा मैडम ने कभी तिलक लगाने से मना नहीं किया था.     

 

 

क्या है पूरा मामला?

घटना की शुरुआत तब हुई जब मामले की कथित तौर पर शिकायत की गई. इसके बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी योगेंद्र कुमार ने इस मामले की जांच खंड शिक्षा अधिकारी सूर्यकांत गिरि को सौंपी. जांच के बाद रिपोर्ट में कहा गया कि कुछ बच्चों ने पुष्टि की थी कि उन्हें तिलक लगाकर आने से मना किया गया था, जबकि अन्य बच्चों ने इस घटना से इनकार किया. इसके बावजूद, तनवीर आयशा पर कार्रवाई की गई और 26 अगस्त को उन्हें निलंबित कर दिया गया.

साजिश के तहत मामला रचा गया: आयशा

 टीचर आयशा का कहना है कि उन्होंने कभी किसी बच्चे को तिलक लगाकर आने से मना नहीं किया और यह पूरा मामला एक साजिश के तहत रचा गया है. उनका दावा है कि गांव के कुछ लोग उनसे नाराज थे और उन्होंने ही उन्हें फंसाने की कोशिश की.  स्कूल के मुख्य अध्यापक राजेंद्र कुमार का भी कहना है कि ऐसा कोई मामला उनके सामने नहीं आया और यह सबकुछ गांव के कुछ लोगों की साजिश का नतीजा है. 

बच्चों का टीचर से इतना गहरा लगाव था कि उन्होंने अपने टीचर को स्कूल से जाते हुए देख, भावुक होकर विरोध किया. यह दिखाता है कि शिक्षक और विद्यार्थियों के बीच का रिश्ता केवल शिक्षा तक सीमित नहीं होता, बल्कि यह एक माता-पिता और बच्चे जैसा होता है.

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