उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद के राजकीय मेडिकल कॉलेज में एक अजीब नजारा देखने को मिला. यहां क्षय रोग विभाग के डॉक्टर कड़ी धूप में पेड़ के नीचे ही ओपीडी (OPD) लगा रहे हैं और मरीजों का इलाज कर रहे हैं. जब हमने पेड़ के नीचे OPD लगाने के बारे में पूछा तो डॉक्टर हमसे अभद्रता कर धमकाने लगे. वहीं जिला अधिकारी के संज्ञान में जब यह मामला लाया गया तो उन्होंने इसपर कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है.
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फिरोजाबाद के राजकीय मेडिकल कॉलेज में सरकार ने सैकड़ों करोड़ों रुपये खर्च किए हैं. अलग-अलग रोगियों के विभागों के लिए अलग-अलग कमरे और भवन बनाए गए हैं. वहीं मंगलवार की दोपहर क्षय रोग विभाग के कई डॉक्टर पेड़ के नीचे टीबी के रोगियों को देखते नजर आए. डॉक्टर कुर्सी पर बैठे हैं और गर्मी में रोगी खुले में खड़े दिखे. जबकि क्षय रोग विभाग में डॉक्टर की ओपीडी भवन भी बना है और एक अलग से वार्ड भी है.
जब हमने क्षय रोग विभाग के हेड ऑफ डिपार्टमेंट डॉक्टर सौरव यादव से जानकारी ली तो उनका कहना है कि इन्वर्टर की खराबी के कारण डॉक्टर बाहर बैठकर रोगियों को देख रहे हैं. वहीं क्षय रोग विभाग के डॉक्टर शेखर यादव (हरी शर्ट में) से जब हमने यह पूछा कि वह बाहर क्यों मरीजों का इलाज कर रहे हैं तो इस पर वह भड़क गए और काफी गुस्से में मीडिया कर्मियों को बुरा भला कहा.
यहां तक कि उन्होंने मीडियाकर्मियों के लिए धमकी देने जैसे शब्दों का भी प्रयोग किया. बता दें कि क्षय रोग संक्रमण रोग है, जो मरीज के नजदीक आने से सामान्य रोगी भी TB का शिकार हो सकता है. ऐसे में मेडिकल कॉलेज में खुले में OPD चलाकर बहुत ज्यादा लापरवाही बरती जा रही है.
जब हमने इस मामले को जिला अधिकारी रवि रंजन के संज्ञान में लाया तो जिला अधिकारी का कहना है कि मेडिकल कॉलेज की प्रधानाचार्य डॉ. संगीता अनीजा को निर्देशित किया गया है कि वह इस मामले की जांच करें और कड़ी से कड़ी कार्रवाई करें.
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