राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में नोएडा शनिवार को सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर रहा. एनसीआर के सभी प्रमुख शहर अति गंभीर श्रेणी में हैं.
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वायु प्रदूषण के ‘मापक ऐप’ समीर के अनुसार, शनिवार को नोएडा का एक्यूआई 484 रहा जबकि गाजियाबाद का 460, ग्रेटर नोएडा का 444, फरीदाबाद का 468, बल्लभगढ़ का 429, गुरुग्राम का 432, आगरा का 405, बहादुरगढ़ का 439, बल्लभगढ़ का 429, भिवानी का 476, बुलंदशहर का 479, हापुड़ का 405 और मेरठ का 350 एक्यूआई दर्ज किया गया.
बढ़ते वायु प्रदूषण की वजह से दमा खांसी और टीबी के मरीजों की स्थिति बहुत ही नाजुक बनी हुई है. लोगों की आंखों में जलन हो रही है और छोटे-छोटे बच्चे प्रदूषण की वजह से बीमार पड़ रहे हैं.
गौतमबुद्ध नगर जिले में पाबंदी के बावजूद पराली जलाने की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं. इससे जिले की आबोहवा दमघोंटू हो गई है. शनिवार को नोएडा 484 हवा गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के साथ देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा, जबकि 444 एक्यूआई के साथ ग्रेटर नोएडा भी डार्क जोन में रहा.
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, हवा को जहरीली बनाने में पराली के धुएं की हिस्सेदारी 15 प्रतिशत तक बढ़ गई है. इससे प्रदूषण का स्तर खतरनाक श्रेणी में पहुंच गया है.
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