नोएडा के GIP मॉल से क्यों कूद गई 36 साल की आकांक्षा सूद? जिंदगी की ये वाली उलझन नहीं सुलझा पाई

भूपेंद्र चौधरी

• 02:05 PM • 07 Nov 2024

Noida GIP mall news: नोएडा में एक दुखद घटना सामने आई है. नोएडा के सेक्टर-39 के मशहूर GIP मॉल में देर रात एक महिला ने चौथी मंजिल से कूदकर अपनी जिंदगी को खत्म कर लिया. महिला की पहचान 36 वर्षीय आकांक्षा सूद के रूप में हुई है.

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Noida GIP mall news: नोएडा में एक दुखद घटना सामने आई है. नोएडा के सेक्टर-39 के मशहूर GIP मॉल में देर रात एक महिला ने चौथी मंजिल से कूदकर अपनी जिंदगी को खत्म कर लिया. महिला की पहचान 36 वर्षीय आकांक्षा सूद के रूप में हुई है. आकांक्षा दिल्ली के करावल नगर की रहने वाली थीं. फिलहाल सबके दिमाग में यही सवाल है कि दिल्ली की आकांक्षा सूद के साथ ऐसा क्या चल रहा था कि उसने जिंदगी का साथ छोड़ने के लिए इस तरह का रास्ता चुन लिया. फौरी तौर पर आकांक्षा को लेकर जो जानकारी सामने आई है वो शादीशुदा जिंदगी में परेशानी से उपजे तनाव से जुड़ी हुई है. शायद यही तनाव आकांक्षा को इतना प्रेशराइज कर गया कि उसने अपने जीवन का सबसे कठिन फैसला ले लिया. 

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बताया जा रहा है कि आकांक्षा लंबे समय से मानसिक तनाव से गुजर रही थीं और उनका तलाक का केस भी चल रहा था. नोएडा पुलिस के अनुसार, 6/7 की रात को आकांक्षा मॉल की फायर एग्जिट सीढ़ियों से चौथी मंजिल पर चढ़कर वहां से कूद गई. सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और आकांक्षा की बॉडी को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया. पुलिस के मुताबिक, आकांक्षा की शादी के 15 दिन बाद से ही उनके पति के साथ विवाद शुरू हो गया था. इसके बाद से तलाक का केस चल रहा था.

 आकांक्षा के भाई और भाभी से पुलिस की बात हुई है. उन्होंने पुलिस को बताया कि आकांक्षा का नोएडा से कोई संबंध नहीं था और वे लोग दिल्ली में रहते हैं. पारिवारिक विवाद के चलते आकांक्षा मानसिक रूप से परेशान रहती थीं, और इसी तनाव के चलते उन्होंने यह कदम उठाया. नोएडा पुलिस ने इस घटना की सूचना आकांक्षा के परिजनों को दी और उनके बयान दर्ज किए. फिलहाल पुलिस अलग-अलग एंगल से मालने की जांच कर रही है और विधिक कार्रवाई कर रही है. 

अगर आप डिप्रेशन में हैं, तो जानिए कैसे पाएं जीवन को फिर से जीने की प्रेरणा 

डिप्रेशन एक मानसिक स्थिति है, जो आपके मन और सोच को इस तरह प्रभावित कर सकती है कि जीवन निरर्थक लगने लगे. भारत में हर साल कई लोग इस स्थिति से गुजरते हैं, लेकिन आपके लिए जानना बेहद जरूरी है कि आपकी ज़िंदगी बेहद अनमोल है. इस सफर में मदद लेना और सही कदम उठाना ही बेहतर कल की कुंजी है. 

1. अपनी भावनाओं को समझें और खुद से सहानुभूति रखें

डिप्रेशन का अनुभव किसी से भी साझा करना मुश्किल हो सकता है. लेकिन यह समझें कि आप अकेले नहीं हैं. आपकी तकलीफ को सुनने और समझने वाले लोग हैं. अपने आप पर कठोर न हों, खुद के प्रति सहानुभूतिपूर्ण रवैया रखें और इसे ठीक करने के तरीकों की तलाश करें. 

2. हर दिन एक नया अवसर है

आपकी ज़िंदगी में एक नया दिन हर बार अवसर लेकर आता है. एक छोटे से कदम से भी आप बड़ी सकारात्मकता पा सकते हैं. छोटे लक्ष्य तय करें, जैसे कि सुबह जल्दी उठना, एक नई किताब पढ़ना या अपने दोस्तों से मिलने जाना. हर एक कदम आपको नई ऊर्जा और दिशा देगा.

3. अपने करीबियों से बात करें

जब आपको ऐसा महसूस हो कि जीवन का कोई अर्थ नहीं है, अपने दोस्तों, परिवार, या किसी भरोसेमंद व्यक्ति से बात करें. अपनी भावनाओं को साझा करना आपको हल्का महसूस करवा सकता है और आपकी मदद के लिए वो किसी मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से मिलने का सुझाव भी दे सकते हैं. 

4. पेशेवर सहायता लें

डिप्रेशन का इलाज संभव है, लेकिन इसके लिए सही परामर्श लेना जरूरी है. भारत में कई ऐसे प्लेटफॉर्म हैं, जैसे मनोविज्ञान केंद्र, क्लीनिक, और हेल्पलाइन, जो आपको उचित मार्गदर्शन दे सकते हैं. जैसे:
   - मनोसामाजिक हेल्पलाइन 9152987821– यह हेल्पलाइन सरकार द्वारा चलाई जा रही है, जो मानसिक स्वास्थ्य के लिए परामर्श प्रदान करती है. 

5. योग और ध्यान अपनाए

भारत में योग और ध्यान का समृद्ध इतिहास है, जो मानसिक शांति और संतुलन बनाए रखने में सहायक है. योग न केवल आपको मानसिक दृढ़ता देता है, बल्कि मन को स्थिर और आत्म-स्वीकृति की ओर प्रेरित करता है.

6. अपनी खुशियों को खोजें

जिन चीजों में आपको खुशी मिलती है, जैसे कला, संगीत, लिखना, खेल, या कोई भी शौक हो, उसे समय दें. यह आपके मन को सकारात्मक और हल्का महसूस करने में मदद कर सकता है. 

7. आप अकेले नहीं हैं

हमेशा याद रखें, आपके साथ बहुत से लोग इस दौर से गुज़र रहे हैं. यह समय कठिन जरूर है, लेकिन अस्थाई है. ज़िंदगी आपको कई खूबसूरत मौके दे सकती है. जीवन एक अनमोल तोहफा है, और आपको इसे अपने तरीके से जीने का हक है. 

कभी-कभी एक कठिन दिन या बुरा वक्त बस एक नई शुरुआत का संकेत हो सकता है. अगर आपको लगता है कि अकेलापन भारी पड़ रहा है तो याद रखें कि आप महत्वपूर्ण हैं, आपके विचारों का असर है, और इस दुनिया को आपकी जरूरत है.

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