Gorakhpur News: ‘जो राम को लाए हैं, हम उनको लाएंगे’ उपरोक्त पंक्ति पिछले साल यानी कि 2022 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान खूब गुनगुनाई गई थी, जो कहीं ना कहीं सच भी साबित हुई. सारे इतिहास को ध्वस्त करते हुए प्रदेश में लगातार दूसरी बार काफी लंबे समय के बाद कोई मुख्यमंत्री दूसरी बार मुख्यमंत्री पद पर आसीन हुआ. योगी आदित्यनाथ ने दूसरी बार प्रदेश की बागडोर अपने हाथों में संभाली. ऐसा कहा जाता है कि भाजपा की जीत में राम मंदिर के फैसले का प्रत्यक्ष असर देखने को मिला था.
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संयोगवश भाजपा के कार्यकाल में ही राम मंदिर के निर्माण की आधारशिला रखी गई थी और तब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ थे. अब जब मंदिर में भगवान राम और सीता की मूर्ति का निर्माण होने जा रहा है, तब भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं. मूर्ति निर्माण में जिस ऐतिहासिक शालिग्राम शिलाएं का इस्तेमाल होना है, वह संयोग से गोरक्षनगरी पहुंची. मंगलवार देर रात पवित्र शालिग्राम के गोरखनाथ मंदिर परिसर में पहुंचने के बाद संतों ने इसकी पूजा-अर्चना शुरू कर दी.
दरअसल, अयोध्या मंदिर के लिए भगवान राम और सीता के विग्रह निर्माण के लिए शालिग्राम शिलाएं नेपाल से गोरखपुर पहुंची. गोरक्षनगरी में शिलाओं के पहुंचते ही पूरे शहर में जगह-जगह श्रद्धालुओं ने पुष्पवर्षा और आतिशबाजी से इसका स्वागत किया. गोरखनाथ मंदिर में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ समेत कई लोगों ने शिलाओं का स्वागत किया.
अयोध्या में मंदिर निर्माण का कार्य चल रहा है तेजी से
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का कार्य जारी है. राम मंदिर में स्थापित होने वाली प्रभु श्री राम और माता सीता की मूर्ति को बनाने वाले शालिग्राम पत्थर को नेपाल से लाया गया है. एक शिला 26 टन की, तो दूसरी 14 टन की है. 6 करोड़ साल पुरानी इन दोनों शिलाओं को गंडकी नदी से निकाला गया है.
संत कबीर नगर: गोरखपुर से निकल कर अयोध्या आ रही शालिग्राम शिलाएं, जगह-जगह स्वागत, भारी भीड़
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