Mathura News: मथुरा के फरह इलाके में स्तिथ झंडी पुर गांव में भारतीय सेना ने टैंक भेजा है. सेना के जवान गांव में अपना टैंक लेकर आए हैं. सेना का टैंक आते ही लोग जमा हो गए और हैरान रह गए. मगर जब लोगों को पता चला कि भारतीय सेना का ये युद्धक टैंक यहां क्यों आया? तो यहां के लोग खुशी से झूम उठे.
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आखिर सेना ने क्यों भेजा युद्धक टैंक
दरअसल भारतीय सेना ने पहली बार अपने शहीद जवान के सम्मान में सेना का टैंक भेजा है. आपको बता दें कि देश की रक्षा में आतंकियों से लड़ते हुए बबलू सिंह शहीद हो गए थे. उनकी शहादत को सम्मान देने के लिए सेना ने शहीद के गांव में बने उनके स्मारक पर अब टैंक भी स्थापित कर दिया है. बताया जा रहा है कि ऐसा पहली बार है जब सेना ने जवान की शहादत के सम्मान में अपना टैंक स्थापित किया है.
कौन थे शहीद बबलू सिंह
मथुरा के फरह इलाके में स्तिथ झंडी पुर गांव के रहने वाले बबलू सिंह साल 2005 में जाट बटालियन में भर्ती हुए थे. इसके बाद से वह लगातार देश के दुश्मनों की मौत बन रहे थे. सेना में भर्ती होने के बाद ही उन्होंने आतंकियों से दो-दो हाथ करने शुरू कर दिए थे.
इसी बीच जुलाई 2016 में जम्मू में तैनाती के दौरान कुपवाड़ा में हुए आतंकी हमले में बबलू सिंह शहीद हो गए थे. बताया जाता है कि जब बबलू सिंह आतंकियों से दो-दो हाथ कर रहे थे. वह 4 आतंकियों को मौत के घाट उतार चुके थे. इसी दौरान उनका एक साथी जवान घायल हो गया था. बबलू सिंह घायल सैनिक को कंधे पर रखकर सुरक्षित जगह पर ले जा रहे थे. तभी पीछे से एक आतंकी ने उनपर हमला कर दिया और उन्हें शहीद कर दिया.
सेना ने पहली बार शहीद के सम्मान में टैंक स्थापित किया
आपको ये भी बता दें कि ऐसा पहली बार है जब सेना ने किसी शहीद के सम्मान में अपना टैंक तैनात किया है. शहीद बबलू सिंह का परिवार सेना द्वारा दिए गए इस सम्मान से काफी खुश है और गर्व महसूस कर रहा था. शहीद को मिले इस सम्मान से पूरे इलाके में खुशी की लहर है.
सेना ने 1971 की जंग में पाकिस्तान के खिलाफ विजय दिलाने वाले T-55 टैंक को यहां स्थापित किया है. इस टैंक को पुणे से लाया गया है. इस मौके पर आस-पास के क्षेत्र और गांव के लोग भी गांव आए और टैंक को स्थापित होते हुए देखा. लोगों ने नाचते-गाते हुए अपनी खुशी का जश्न मनाया.
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