फर्जी सर्टिफिकेट से 31 साल तक करता रहा सरकारी नौकरी! रिटायरमेंट होने के बाद यूं हुआ खुलासा

संदीप सैनी

23 Oct 2023 (अपडेटेड: 23 Oct 2023, 04:16 AM)

शख्स ने 31 सालों तक सरकारी नौकरी की. फिर वह सरकारी नौकरी से रिटायर भी हो गया. मगर अब पता चला कि उसने ये नौकरी फर्जीवाड़ा करके हासिल की थी.

फर्जी सर्टिफिकेट से 31 साल तक करता रहा सरकारी नौकरी, रिटायरमेंट होने के बाद यूं हुआ खुलासा

फर्जी सर्टिफिकेट से 31 साल तक करता रहा सरकारी नौकरी, रिटायरमेंट होने के बाद यूं हुआ खुलासा

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Muzaffarnagar News: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से फर्जीवाड़े का ऐसा मामला सामने आया है, जिसने हर किसी को चौंका दिया है. दरअसल यहां एक शख्स ने 31 सालों तक सरकारी नौकरी की. फिर वह सरकारी नौकरी से रिटायर भी हो गया. मगर अब पता चला कि उसने ये नौकरी फर्जीवाड़ा करके हासिल की थी. दरअसल शख्स ने सरकार को चूना लगाते हुए फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी हासिल कर ली और 31 सालों तक नौकरी करता रहा.

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अब कोर्ट के आदेश के बाद आरोपी शख्स के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. पुलिस ने धारा-420, 467, 468 और 471 के तहत केस दर्ज किया है. पुलिस द्वारा मामले की जांच की जा रही है. आरोपी को शायद ही इस बात का कभी अंदाजा लगा होगा कि उसका ये फर्जीवाड़ा 31 साल बाद, यहां तक की उसके रिटायरमेंट के बाद भी सामने आ जाएगा.

क्या है पूरा मामला?

दरअसल दीपक टंडन नामक व्यक्ति ने खतौली कस्बा निवासी सुधीर कुमार के खिलाफ कोर्ट में शिकायत दर्ज करवाई थी. आरोप था कि सुधीर कुमार नाम के व्यक्ति ने फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर सरकार को धोखा देकर खतौली डिपो में 31 साल तक चालक के पद पर सरकारी नौकरी की. सुधीर कुमार 31 अगस्त 2021 को रिटायर भी हो गया. अब कोर्ट के आदेश के बाद खतौली कोतवाली पुलिस ने आरोपी सुधीर कुमार के खिलाफ धारा-420, 467, 468 और 471 में केस दर्ज करवाया है. पुलिस द्वारा मामले की जांच की जा रही है.

ऐसे हुआ खुलासा

इस मामले को लेकर शिकायतकर्ता दीपक टंडन के मुताबिक, सुधीर कुमार मुजफ्फरनगर की खतौली डिपो में चालक थे और 31 अगस्त 2021 को रिटायर हुए हैं. यह फर्जी कागजों पर नौकरी कर रहे थे. साल 1989 में ये सरकारी नौकरी में भर्ती हुई. मगर उस समय ये ड्राइविंग लाइसेंस और आयु सीमा की शर्तों को पूरा नहीं कर रहे थे  इनकी वास्तविक जन्म तिथि 15 अगस्त 1965 है जबकि उन्होंने अपने कागजों में जो फर्जी जन्मतिथि दिखाई है वह 15 अगस्त सन 1961 है.

दीपक टंडन का कहना है कि जब उन्होंने सुधीर कुमार का शिक्षण रिकॉर्ड निकलवाया तो हर जगह उनकी जन्मतिथि 15 अगस्त 1965 ही लिखी है. इन्होंने 31 साल सरकार को बेवकूफ बना कर नौकरी की है और सरकार को इन्होंने लूटा है.

पुलिस ने क्या बताया?

इस पूरे मामले पर (सीओ खतौली-मुजफ्फरनगर) रवि शंकर मिश्रा ने बताया, “ माननीय न्यायालय के आदेश से एक केस दर्ज किया गया है. दरअसल गलत दस्तावेज के आधार पर नौकरी करने का प्रकरण माननीय न्यायालय के संज्ञान मे आया था. इसके बाद इस मामले में सुसंगत धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है.“

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