Muzaffarnagar Kanwar Yatra : यूपी में कांवड़ यात्रा से पहले मुजफ्फरनगर जिले में खाने-पीने और फल की दुकानें लगाने वाले दुकानदारों को अपने-अपने नाम लिखकर डिस्प्ले करने के लिए कहा गया है. यही नहीं अपनी दुकानों या होटलों पर काम करने वालों का नाम भी लिखने का आदेश जारी किया गया है. स्थानीय प्रशासन का कहना है कि यह इसलिए किया गया है ताकि किसी को कोई कंफ्यूजन ना हो. इस मामले ने तूल पकड़ लिया और इस पर सियासी बहस शुरू हो गई है. वहीं पुलिस के इस आदेश के बाद यूपी तक की टीम मुजफ्फरनगर से गुजरने वाली दिल्ली देहरादून नेशनल हाईवे पर पहुंची और इस फरमान के असर को समझने की कोशिश की.
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हाईवे पर ढाबों के बदले नाम
मुजफ्फरनगर पुलिस के फरमान के अगले ही दिन वहां से गुजरने वाली दिल्ली-देहरादून नेशनल हाईवे-58 पर काफी कुछ बदला-बदला दिखा. हाइवे पर चाय की दुकान करने वाला एक ऐसा मुस्लिम युवक की दुकान का नाम कुछ दिन पूर्व 'चाय लवर पॉइंट' हुआ करता था लेकिन मुजफ्फरनगर पुलिस के आदेश के बाद इस दुकान के मालिक फहीम ने अब अपनी दुकान का नाम 'फहीम टी स्टॉल' रख दिया. वहीं यूपी तक से बात करते हुए फहीम ने बताया कि, 'पुलिस के इस फरमान का कावड़ यात्रा के दौरान उनके काम पर बड़ा प्रभाव पड़ने वाला है. क्योंकि जो शिवभक्त कावड़िए हैं जब उनकी दुकान पर वह नाम पढ़ेंगे तो वह उनके पास चाय पीने नहीं आएंगे.'
मुस्लिम वर्कर्स की गई नौकरी
दिल्ली देहरादून हाईवे पर पड़ने वाले साक्षी होटल के मालिक लोकेश भारती ने बताया कि, 'कल हमारे पास दो पुलिस वाले आए और कहा कि दुकान के आगे नाम लिखना है. साथ ही होटल में काम करने वाले वर्कर्स के भी नाम डिस्पले किए जाए. पुलिस के ये आदेश के बाद साक्षी होटल के मालिक अपने दुकान पर काम करने वाले चार मुस्लिम युवकों फिलहाल उन्होंने हटा दिया है.' होटल मालिक ने आगे बताया कि प्रशासन की तरफ से ऐसा आदेश पहली बार आया है.
दरअसल, पुलिस ने कांवड़ रूट पर पड़ने वाले सभी दुकानदारों को निर्देश दिया था कि वो अपनी-अपनी दुकानों पर प्रोपराइटर या फिर काम करने वालों का नाम जरूर लिखें, जिससे कांवड़ियों में किसी प्रकार का कोई कंफ्यूजन न हो. पुलिस ने इस फैसले का बचाव करते हुए कहा है कि ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि कांवड़ियों के बीच किसी तरह का कंफ्यूजन न हो और भविष्य में कोई आरोप न लगे जिससे कानून व्यवस्था प्रभावित हो.
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