बरेली: नाथ मंदिरों को जोड़ने के लिए बनेगा नाथ कॉरिडोर, CM योगी के संप्रदाय से है ये संबंध

Bareilly News: बरेली को नया पयर्टन केंद्र के तौर पर विकसित करने के लिए कमिश्नर संयुक्ता समद्दार ने पहल शुरू की है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ…

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Bareilly News: बरेली को नया पयर्टन केंद्र के तौर पर विकसित करने के लिए कमिश्नर संयुक्ता समद्दार ने पहल शुरू की है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर बरेली की आध्यात्मिक, सांस्कृतिक विरासत को युवा पीढ़ी से रूबरू कराने और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नाथ नगरी कॉरिडोर बनाया जा रहा है.

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गौरतलब है की  मुख्य्मंत्री योगी आदित्यनाथ भी नाथ संप्रदाय के ही अनुयायी है. वहीं पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कमिश्नर बरेली संयुक्ता समद्दार, वीसी बीडीए जोगिंदर सिंह ने अधिकारियों के साथ बरेली के सातों नाथ मंदिरों का निरीक्षण कर संभावनाएं तलाश की. इसी के साथ बीते बुधवार को भगवान आशुतोष की भी पूजा अर्चना की.

36 किलोमीटर लंबा टूरिज्म सर्किट बनाया जाएगा

बरेली के नाथ मंदिरों को जोड़ते हुए 36 किलोमीटर लंबा टूरिज्म सर्किट बनाया जाएगा. मिली जानकारी के मुताबिक, टूरिज्म सर्किट में मंदिरों की परिक्रमा के लिए मिनी इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी, जिनके जरिए श्रद्धालु सातों नाथ मंदिरों की परिक्रमा कर सकेंगे. मंदिर के लिए आने-जाने वाले रास्ते को शानदार किया जाएगा.

बताया जा रहा है कि मंदिर के आसपास पिंक टॉयलेट्स बनेंगे, पार्किंग बनाई जाएगी. महाभारत कालीन बरेली के नाथ मंदिरों के इतिहास, उनकी आध्यात्मिक सांस्कृतिक पहचान को दर्शाते हुए साइन बोर्ड लगाए जाएंगे. इससे एक और आध्यात्मिक पर्यटन बढ़ेगा तो वहीं दूसरी ओर रोजगार के अवसर भी तेजी से विकसित होंगे.

इलेक्ट्रिक बसों से होगी परिक्रमा

नाथ मंदिरों की परिक्रमा को लेकर भी जिला प्रशासन ने तैयारी पूरी कर ली है. शहर में चल रही सिटीबस यानी इलेक्ट्रिक बसों से इनकी परिक्रमा कराई जाएगी. इसको लेकर कमिश्नर ने दिशानिर्देश भी जारी कर दिए है.

प्रसाद योजना के तहत टूरिज्म सर्किट बनाकर मंदिरों के आसपास होगा सौंदर्यकरण

मिली जानकारी के मुताबिक, प्रसाद योजना के तहत इन मंदिरों के आसपास सौंदर्यीकरण कर उन्हें विकसित किया जाएगा. आने-जाने वाले रास्तों पर भव्य लाइटें और साइन बोर्ड लगाकर उनकी सुंदरता को निखारा जाएगा. मंदिर के लिए आने-जाने वाले रास्तों पर बस स्टॉपेज बनाए जाएंगे.

कमिश्नर संयुक्ता समद्दार ने बताया कि, “प्रसाद योजना के तहत मंदिरों और उसके आसपास जलभराव दूर करने के लिए सड़क, पाथवे, पार्किंग बनाई जाएगी, जिससे कि मंदिरों में आने वाले श्रद्धालु मंदिरों में आसानी से पूजा-अर्चना और परिक्रमा कर सकें. सुरक्षा के लिए मंदिरों में सीसीटीवी कैमरे लगवाए जाएगे.

महाभारत कालीन मंदिरों को जोड़कर बनाया जाएगा नाथ सर्किट

कमिश्नर संयुक्ता समद्दार ने आगे बताया कि, “ नाथ नगरी में मुख्य सात प्राचीन शिव मंदिर हैं. नाथ मंदिर में दर्शन करने के लिए बाहर से भक्त आते हैं. अलखनाथ मंदिर किला उत्तर दिशा में है. मढ़ीनाथ दक्षिण, धोपेश्वर नाथ मंदिर कैंट पूरब में, बनखंडी नाथ पश्चिम में है. इसके अतिरिक्त प्रेमनगर में त्रिवटी नाथ मंदिर और शहर के मध्य में तपेश्वर नाथ मंदिर सुभाषनगर, गोपाला सिद्ध मंदिर क्यारा ब्लॉक में स्थित है.

आपको बता दें कि, पीलीभीत बाईपास पर रुहेलखंड विश्वविद्यालय के पास पशुपतिनाथ मंदिर नेपाल की तर्ज पर विकसित किया गया है. अलखनाथ मंदिर का इतिहास 930 साल से ज्यादा पुराना है. वनखंडी नाथ मंदिर का निर्माण द्वापर युग में माना जाता है. धोपेश्वर नाथ मंदिर त्रेतायुग में और मढ़ीनाथ मंदिर की स्थापना महाभारत कालीन 5000 वर्ष से पुरानी मानी जाती है. माना जाता है कि इसकी स्थापना पांडवों ने वनवास के दौरान की थी. इन सभी नाथ सर्किट के मंदिरों को जोड़ते हुए यहां मोटर वाहन, सड़क कनेक्टिविटी, साइकिल, पथ वे और हेरिटेज वॉक प्रस्तावित किए गए हैं. संबंधित विभागों और प्रमुख अधिकारियों की बैठक आयोजित कर नाथ नगरी कॉरिडोर योजना को मूर्त रूप दिया जा रहा है.

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