बरेली में शताब्दी पुराने गंगा महारानी मंदिर पर चौकीदार वाहिद अली के कब्जे का दावा, पूरी कहानी जान लीजिए

Bareilly News: बरेली में गंगा महारानी मंदिर पर कब्जे का आरोप, स्थानीय लोग बोले- प्रतिमाएं खराब की गईं. CM योगी आदित्यनाथ से न्याय की गुहार.

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Bareilly News: उत्तर प्रदेश के बरेली में एक ऐसी घटना सामने आई है, जो संभल में हुए मंदिर विवाद की याद दिलाती है. बरेली के किला थाना क्षेत्र स्थित गंगा महारानी मंदिर पर मुस्लिम समुदाय के लोगों के कब्जे का आरोप लगा है. बताया जा रहा है कि मंदिर को बनाने वाले परिवार के वंशज ने अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मदद की गुहार लगाई है.

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कहां से हुई विवाद की शुरुआत?

1905 में रामगंगा नदी के किनारे गंगा महारानी मंदिर का निर्माण हुआ था. उस समय यह स्थान आस्था का बड़ा केंद्र था. मंदिर परिसर में कई कमरे बनाए गए थे, जिनमें से एक कमरा किराए पर दे दिया गया. यहां से ही विवाद की शुरुआत हुई.

मुस्लिम चौकीदार के कारण बढ़ा विवाद

मंदिर की देखरेख के लिए समिति ने एक मुस्लिम चौकीदार वाहिद अली को रखा. स्थानीय लोगों का आरोप है कि धीरे-धीरे वाहिद अली ने मंदिर पर कब्जा कर लिया. पहले उसने लोगों के आने-जाने पर पाबंदी लगाई और फिर मंदिर में ताले डाल दिए. समय के साथ मंदिर में पूजा-अर्चना बंद हो गई. 

प्रतिमाओं को नुकसान पहुंचाने का आरोप

स्थानीय लोगों का कहना है कि मंदिर में रखी गंगा महारानी की प्रतिमाओं को खराब कर दिया गया. 1950 तक जहां मंदिर में नियमित पूजा होती थी, आज वहां मंदिर के अस्तित्व को खतरा बताया जा रहा है. 

CM से न्याय की गुहार

मंदिर बनाने वाले परिवार के वंशज और सनातन धर्म से जुड़े लोगों ने अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मदद की अपील की है.  उनका कहना है कि मंदिर को मुस्लिम समुदाय के कब्जे से मुक्त कराया जाए, ताकि पूजा-अर्चना दोबारा शुरू हो सके. 

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