Mahoba News: यूपी के महोबा जिले में सभी सरकारी प्राइमरी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों की लापरवाही के चलते उनका वेतन रोकने की कार्रवाई से शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है. जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने लापरवाह प्रधानाध्यापकों का वेतन रोकने की कार्रवाई की है.
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मिली जानकारी के अनुसार, प्रधानाध्यापकों पर आरोप है कि इन्होंने ‘प्रेरणा पोर्टल’ पर परिषदीय विद्यालयों के छात्र-छात्राओं के डीबीटी (डायरेक्ट बेनेफिशियल ट्रांसफर) के लिए डेटा अपडेटशन का कार्य धीमी गति से किया है. इस लापरवाही पर बीएसए ने चारों ब्लॉकों के बीईओ और 848 प्रधानाध्यापकों का वेतन रोकने के आदेश दिए हैं.
आपको बता दें कि जिले में 848 परिषदीय विद्यालय संचालित हैं. इनमें करीब एक लाख दो हजार छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं. शासन के निर्देश पर इस बार यूनिफॉर्म, स्वेटर, जूता, मोजा, बेग और स्टेशनरी के लिए 1,200 रुपये की धनराशि प्रति छात्र डीबीटी के माध्यम से सीधे बैंक खाते में भेजी जानी है. जिले में डीबीटी आधार अपडेशन में प्रधानाध्यापकों ने रुचि नहीं दिखाई, जिससे प्रदेश में जिले का स्थान 74वें स्थान पर पहुंच गया.
आधार अपडेशन में खराब प्रगति पर शासन स्तर से हुई समीक्षा में नाराजगी व्यक्त की गई. मगर लगातार मॉनीटरिंग के बाद भी सुधार के प्रयास नहीं किए गए.
इसके चलते बीएसए अजय कुमार मिश्रा ने वेतन रोकने की संस्तुति की है. बीएसए ने बताया कि सभी प्रधानाध्यापकों को शत-प्रतिशत डीबीटी आधार अपडेशन के निर्देश दिए गए हैं.
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