HC ने कहा- ‘आंख में धूल झोंकने वाला है स्वच्छ गंगा मिशन का काम, ये बस पैसा बांटने की मशीन’

पंकज श्रीवास्तव

• 09:08 AM • 27 Sep 2022

गंगा प्रदूषण मामले को लेकर दाखिल की गई जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) ने राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन…

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गंगा प्रदूषण मामले को लेकर दाखिल की गई जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) ने राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (National Mission for Clean Ganga) पर गंभीर टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा, “मिशन का काम आंखों में धूल झोंकने वाला है और मिशन मात्र पैसा बांटने की मशीन बनकर रह गया है. बांटे गए पैसे से गंगा की सफाई हो रही है या नहीं, न तो इसकी कोई निगरानी की जा रही है और न जमीन पर कोई काम दिखाई दे रहा है.”

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कोर्ट ने सुनवाई के दौरान मिशन द्वारा बांटे गए बजट का ब्यौरा भी पूछा और पूछा कि गंगा सफाई के लिए जो करोड़ों रुपये खर्च किये जा रहे हैं, उस बजट से गंगा सफाई का कितना काम हुआ है. इसपर कोई जवाब नहीं मिला.

कोर्ट ने सभी विभागों को निर्देश दिया है कि वह न्याय मित्र अरुण कुमार गुप्ता याचिकाकर्ता वीसी श्रीवास्तव सहित अन्य याचियों को हलफनामे की कॉपी उपलब्ध कराएं. इसके साथ ये भी कहा कि याचिकाकर्ता इस मामले में सत्यता का पता लगाएं. कोर्ट अब इस मामले में एक नवंबर को सुनवाई करेगा.

इससे पहले एनएमसीजी, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, जल निगम ग्रामीण और शहरी और नगर निगम प्रयागराज समेत कई विभागों की तरफ से दाखिल किए गए हलफनामे को रिकॉर्ड पर लिया और इनसे अलग-अलग जानकारी मांगी. सुनवाई पर कोर्ट उनके जवाब से संतुष्ट नहीं दिखा. 

ये सुनवाई मुख्य न्यायधीश राजेश बिंदल की अगुवाई वाली खंडपीठ में हुई. अब इस मामले में अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने एक नवंबर की तारीख तय की है.

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