प्रयागराज: मरीज को ‘मौसंबी का जूस’ चढ़ाने वाले आरोपी अस्पताल को ध्वस्त करने की तैयारी

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• 07:21 AM • 26 Oct 2022

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले के धूमनगंज थाना क्षेत्र के झलवा स्थित उस अस्पताल के भवन को प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) ने ध्वस्त करने की…

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उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले के धूमनगंज थाना क्षेत्र के झलवा स्थित उस अस्पताल के भवन को प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) ने ध्वस्त करने की तैयारी की है, जिसने डेंगू से पीड़ित एक मरीज को प्लेटलेट्स की जगह कथित तौर पर मौसंबी का जूस चढ़ा दिया था. पीडीए की ओर से ग्लोबल हॉस्पिटल की स्वामी मालती देवी को 19 अक्टूबर को एक नोटिस जारी किया गया था, जिसमें उस भवन को अनाधिकृत रूप से निर्मित बताया गया है, जहां यह अस्पताल संचालित हो रहा है.

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नोटिस में कहा गया है कि प्रयागराज विकास प्राधिकरण से अपेक्षित अनुमति प्राप्त किए बगैर भवन का निर्माण कराया गया है, जिसके लिए पूर्व में कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था और अपना पक्ष रखने के लिए सुनवाई का अवसर दिया गया था. नोटिस में कहा गया है कि हालांकि, सुनवाई की तिथि पर उपस्थित नहीं होने और स्वामित्व संबंधित अभिलेख व शमन मानचित्र प्रस्तुत नहीं करने के कारण ध्वस्तीकरण आदेश पारित किया गया है.

भवन में स्थित अस्पताल को 28 अक्टूबर को सुबह 11 बजे तक खाली करने का निर्देश दिया गया है.

उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों इस अस्पताल में कथित तौर पर मौसमी का जूस चढ़ाने से मरीज प्रदीप पांडेय की हालत बिगड़ गई थी, जिसके बाद उसे शहर के दूसरे अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहां उसकी मौत हो गई थी.

सोशल मीडिया पर इस घटना का वीडियो प्रसारित होने के बाद प्रदेश के उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक के ट्वीट और उनके आदेश पर जिला प्रशासन हरकत में आया और उस अस्पताल को 20 सितंबर को सील कर दिया गया था, जहां मरीज को प्लेटलेट्स की जगह कथित तौर पर मौसमी का जूस चढ़ाया गया था.

अस्पताल को सील किए जाने के अगले दिन 21 सितंबर को प्रयागराज पुलिस ने नकली प्लेटलेट्स बेचने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए उसके 10 सदस्यों को गिरफ्तार किया था.

हालांकि, झलवा स्थित अस्पताल में मरीज को मौसमी का जूस चढ़ाया गया था या नकली प्लेटलेट्स, यह अभी तक साफ नहीं हो सका है, क्योंकि नमूने की जांच रिपोर्ट मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज द्वारा सीलबंद लिफाफे में जिलाधिकारी के पास भेजी गई है और मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) नानक शरण ने इस रिपोर्ट के तथ्यों के बारे में जानकारी होने से इनकार किया है.

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