UP News: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में उदयभान करवरिया को जेल से रिहा कर दिया गया है. बता दें कि उदयभान सपा विधायक जवाहर यादव की हत्या के मामले में दोषी हैं. सपा विधायक की हत्या साल 1996 में कर दी गई थी. इस केस में साल 2019 में उदयभान को उम्रकैद की भी सजा सुनाई गई थी. मगर अब उदयभान को जेल से रिहा कर दिया गया है. दूसरी तरफ मृतक सपा विधायक की पत्नी और प्रतापुर से सपा विधायक विजमा यादव ने इस रिहाई का विरोध किया है.
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बता दें कि प्रयागराज के सिविल लाइंस में जवाहर यादव की साल 1996 में AK-47 से ताबड़तोड़ गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी. सपा विधायक की हत्या से उस समय हड़कंप मच गया था. मामले में करवरिया, उनके भाई कपिलमुनि करवरिया और सूरजभान करवरिया और एक अन्य के खिलाफ प्रयागराज सिविल लाइंस थाने में केस दर्ज किया गया था.
यूपी सरकार ने की थी राज्यपाल से रिहाई की सिफारिश
आपको बता दें कि यूपी के यूपी सरकार ने समय से पहले रिहाई के लिए राज्यपाल से अपील की थी. राज्यपाल ने अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए रिहाई की अपील को स्वीकार कर लिया था. जिसके बाद उदयभान को जेल से रिहा कर दिया गया. दूसरी तरफ प्रयागराज जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक ने भी अपनी रिपोर्ट में माना कि उदयभान का जेल में आचरण काफी अच्छा है. ऐसे में रिहाई के आदेश पिछले हफ्ते ही जारी हो गए थे.
मृतक सपा विधायक के परिवार ने किया रिहाई का विरोध
बता दें कि उदयभान करवरिया की रिहाई को लेकर मृतक जवाहर यादव की पत्नी विजमा यादव सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में हैं. उनका कहना है कि वह पति के हत्यारे को जब तक सजा नहीं दिला लेती, तब तक पीछे नहीं हटेंगी. उनका कहना है कि प्रदेश सरकार को ये फैसला लेने से पहले सोचना चाहिए था.
राजनीति में एक्टिव है उदयभान करवरिया परिवार
करवरिया परिवार जवाहर यादव की हत्या के बाद से ही राजनीति में सक्रिय है. उदयभान के भाई कपिलमुनि बसपा से सांसद रहे हैं. उदयभान करवरिया 2002 और 2007 में बारा विधानसभा से भाजपा से विधायक रहे. बारा विधानसभा 2012 में सुरक्षित सीट हो गई थी. इसलिए उन्हें प्रयागराज की शहर उत्तरी सीट से उम्मीदवार बनाया गया था. मगर यहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा.
फिर साल 2012 में सपा की सरकार बनी और राजनीतिक परिस्थितियां विपरीत हुई तो जनवरी 2014 में उदयभान करवरिया ने सरेंडर कर दिया. इसके बाद कपिलमुनि और सूरजभान भी जेल चले गए. बता दें कि इसके बाद भाजपा ने उदयभान की पत्नी नीलम को मेजा सीट से टिकट दिया और वह भी चुनाव जीत गईं.
आखिर क्या हुआ था साल 1996 में?
मिली जानकारी के मुताबिक, 13 अगस्त 1996 के दिन प्रयागराज में पूर्व विधायक जवाहर यादव और उनके ड्राइवर गुलाब की दिनदहाडे़ गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. गोली बारी AK-47 से की गई थी. इस हत्याकांड से क्षेत्र में हड़कंप मच गया था. जिस तरह से हत्याकांड को अंजाम दिया गया था, उसे देख उस दौर के पुलिसकर्मी भी हैरान थे.
(इस खबर को हमारे साथ इंटर्न कर रहीं साक्षी वर्मा ने एटिड किया है)
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