उत्तराखंड के बैराज से पानी छोड़े जाने से उत्तर प्रदेश के रामपुर में बाढ़ ने तबाही मचा दी है. रामपुर से होकर गुजरने वाली तीनों नदियां (कोसी, राम गंगा और भाखड़ा नदी) खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. इन नदियों के आसपास 55 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. इससे आम आदमी का जीवन अस्त-व्यस्त होकर रह गया है.
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जिला प्रशासन अलर्ट पर है और सभी अधिकारी बाढ़ पर अपनी पैनी नजर बनाए हुए हैं. बाढ़ में फंसे लोगों की राहत के लिए कंट्रोल रूम बनाया गया है. बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए प्रशासन ने फूड पैकेट और कच्चा राशन बांटने की व्यवस्था की है. एनडीआरएफ टीम का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. कई गांव बाढ़ में डूबे हुए हैं वहां से लोगों को और उनके पशुओं को एनडीआरएफ की टीम निकाल कर सुरक्षित स्थान पर ले जा रही है.
टांडा निवासी मकसूद ने अपनी पीड़ा बताई. उन्होंने कहा, “पूरे गांव में बाढ़ का पानी आ गया है. मैंने अपने बच्चों की जान बचाई और अपनी भी जान बचाई. सभी सामान बह गए हैं. घर कट गए और गिर गए हैं. चारों तरफ पानी से घर घिर गया है.”
वहीं, टांडा के अन्य निवासी रियासत अली रोते हुए अपनी बाढ़ की दास्तां बताई. उन्होंने कहा, “आज तक अपने जीवन में कभी इतनी भीषण बाढ़ नहीं देखी है. बाढ़ की वजह से घर में खाने-पीने का सभी सामान बह गया है. कुछ भी नहीं बचा है. इससे पहले भी बाढ़ आई थी, लेकिन आज तक घर में इतना पानी नहीं भरा. मेरे बच्चों ने पानी में खड़े होकर पूरी रात गुजारी है. हमारी मदद के लिए अभी तक प्रशासन की तरफ से कोई अधिकारी नहीं आया है.”
जिले में बाढ़ की भयानक स्थिति को लेकर जिला अधिकारी रविन्द्र कुमार मादड़ ने कहा, “परसों रात में उत्तराखंड राज्य से कोसी बैराज के लिए लगभग 1 लाख 39 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, जिसके कारण हमारे जनपद में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने की संभावना थी. हमने इस संबंध में तुरंत आपात बैठक बुलाई थी. इसके बाद जिले के सभी अधिकारी फील्ड में निकले थे. एनडीआरएफ की 4 टीम रात से ही रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है. स्थिति को जल्द ही नियंत्रण कर लिया जाएगा.”
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