आगरा में रोटी वाली अम्मा अब खुद रोटी के लिए मोहताज! वृद्धा की उजड़ी दुकान, कहानी है इमोशनल

अरविंद शर्मा

• 04:11 PM • 21 Feb 2024

उत्तर प्रदेश के आगरा में 82 साल की रोटी वाली अम्मा अब खुद रोटी के लिए मोहताज हो गई हैं. एक सरकारी फरमान ने अम्मा की गुजर-बसर का सहारा उनकी रोटी की दुकान को उजाड़ कर फेंक दिया है...

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Agra News: उत्तर प्रदेश के आगरा में 82 साल की रोटी वाली अम्मा अब खुद रोटी के लिए मोहताज हो गई हैं. एक सरकारी फरमान ने अम्मा की गुजर-बसर का सहारा उनकी रोटी की दुकान को उजाड़ कर फेंक दिया है. सेंट जॉन्स के फुटपाथ पर रोटी बेचकर 82 वर्षीय भगवान देवी अपना जीवन यापन कर रही थीं. भगवान देवी 2020 में रोटी वाली अम्मा के नाम से सोशल मीडिया पर वायरल हुई थीं. सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद कई लोग उनकी मदद के लिए आगे आए थे. शासन और प्रशासन की तरफ से भी अम्मा को मदद मिली थी. मगर पिछले 4 महीने से अम्मा का ठिकाना उजड़ गया है. रोटी वाली अम्मा अब ठिकाना पाने के लिए लगातार नगर निगम के चक्कर काट रही हैं. 

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बेटे ने निकाल दिया था अम्मा को घर से बाहर

आपको बता दें कि आगरा मेट्रो के काम चलने के कारण अम्मा के ठिकाने को हटा दिया गया है. 82 वर्षीय भगवान देवी मोहन मंदिर बाग मुजफ्फर खां की रहने वाली हैं. पति की मौत के कुछ समय बाद, बेटे ने अम्मा को घर से निकाल दिया था. घर से निकल जाने के बाद भगवान देवी ने भीख ना मांगने की सोची. भगवान देवी ने सेंट जॉन्स कॉलेज के पास फुटपाथ पर रोटी बनाने का काम शुरू कर दिया. महज 15 से 20 रूपये में भरपेट खाना वह लोगों को देने लगीं. रिक्शा चालक, ठेलेवाले और कई लोग यहां खाना खाने आने लगे. 

 

 

कोरोना काल में भगवान देवी के सामने संकट के बादल छा गए. मगर इस दौरान भगवान देवी सोशल मिडिया पर तेजी से वायरल हो गईं. वायरल होते ही सेंकड़ो लोग अम्मा की मदद के लिए आगे आने लगे. नगर निगम और डूडा विभाग ने प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना में अम्मा का पंजीकरण करा दिया. पंजीकरण के बाद अम्मा को 10 हजार रुपये की वित्तीय सहायता प्राप्त हुई. 

अम्मा को मिला था कोरोना योद्धा का प्रमाण पत्र
 

आगरा की कई समाजसेवी संस्थाओं ने अम्मा के लिए ठेल और लोगों के बैठने के लिए व्यवस्था कराई. नगर निगम की ओर से अम्मा की ठेल का पंजीकरण भी किया गया था. अम्मा को कोरोना योद्धा का प्रमाण पत्र भी दिया गया. मिशन शक्ति का प्रमाण पत्र भी अम्मा को मिल चुका है. 

अम्मा मांग रहीं लोगों से मदद की गुहार

बीते चार महीने पहले अम्मा का ठिकाना बंद हो गया. मेट्रो के काम की वजह से अतिक्रमण अभियान के चलते अम्मा की दुकन बंद करा दी गई. इसके बाद से अम्मा लगातार अधिकारियों और नगर निगम के चक्कर काट रही हैं. अम्मा अब लोगों से मदद की गुहार लगा रहीं हैं. 

'रोटी बनाने की जगह नहीं मिली तो...'

अपर नगर आयुक्त सुरेंद्र यादव ने कहा है कि 'अम्मा को स्ट्रीट वेंडिंग जोन योजना के तहत जगह देने का प्रयास किया जाएगा.' रोटी वाली अम्मा भगवान देवी ने कहा कि 'बहुत परेशानी हो रही है. नगर निगम ने ठेला हटवा दिया है. दुकान के नाम पर 10 हजार रुपये मांग रहे हैं. अब मदद के लिए कोई नहीं आ रहा है. दुकान मिल जाएगी तो कुछ काम धंधा कर लेंगे. रोटी बनाने की जगह नहीं मिली तो कोई सूखा सामान रख कर काम शुरू करूंगी.'
 

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