Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश पुलिस ने साइबर अपराध और फर्जी खबरों से निपटने के लिए एक नई पहल शुरू की है, जिसके अंतर्गत सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और कॉलेज के छात्रों को "डिजिटल वॉरियर्स" के रूप में शामिल किया गया है. उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने इस योजना की घोषणा करते हुए कहा कि यह नेटवर्क साइबर अपराध के प्रति जागरूकता बढ़ाएगा, भ्रामक खबरों का मुकाबला करेगा और आम लोगों को साइबर प्रशिक्षक के रूप में प्रशिक्षित करेगा. इसके अलावा, पुलिस के सकारात्मक कार्यों और अभियानों का भी प्रचार करेगा.
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फेक न्यूज से निपटने को यूपी पुलिस तैयार
इस योजना की शुरुआत 2018 में हुई थी और तब से इसे और व्यापक बना दिया गया है. हाल ही में महाकुंभ मेले के पहले फर्जी खबरों से निपटने के लिए चलाए गए एक पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद इसे पूरे राज्य में लागू कर दिया गया है. वर्तमान में करीब 10 लाख लोग डिजिटल वॉलंटियर के रूप में इस नेटवर्क का हिस्सा हैं और 2 लाख पुलिसकर्मी भी इसमें शामिल हैं.इन डिजिटल वालंटियर की व्हाट्सएप तक सीमित पहुंच और इंस्टाग्राम, ट्विटर (अब एक्स), फेसबुक, यूट्यूब आदि जैसे अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उनकी सीमित गतिविधि के कारण सोशल मीडिया प्रभावितों और कॉलेज/विश्वविद्यालय के छात्रों की युवा पीढ़ी को 'डिजिटल योद्धा' बनाकर यूपी पुलिस से जोड़ने की जरूरत थी.
बनेंगे 'डिजिटल वॉरियर्स'
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने कहा, "डिजिटल वॉरियर्स (सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और कॉलेज के छात्रों का एक नेटवर्क) साइबर अपराध के बार में जागरूकता बढ़ाएंगे, भ्रामक खबरों का मुकाबला करेंगे, आम नागरिकों को साइबर प्रशिक्षक के रूप में प्रशिक्षित करेंगे और पुलिस के सराहनीय कार्यों और अभियानों का प्रचार करेंगे." प्रशांत कुमार ने फर्जी खबरों से निपटने के लिए महाकुंभ मेले से पहले यूपी पुलिस द्वारा चलाए गए एक पायलट प्रोजेक्ट का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि एक महीने तक चलने वाला यह प्रोजेक्ट सफल रहा, जिसमें इन्फ्लुएंसर और कॉलेज के छात्र शामिल थे और अब इसे पूरे राज्य में विस्तारित किया गया है.
डिजिटल वॉरियर को चार लेवल में बांटा जाएगा: फेक न्यूज के खण्डन, साइबर अपराध की जागरूकता, साइबर ट्रेनिंग, और पुलिस के कार्यों का प्रचार-प्रसार. इन श्रेणियों में प्रशिक्षित करने के लिए कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी, जिनमें साइबर क्राइम विशेषज्ञ और फैक्ट चेकर्स शामिल होंगे. सभी स्कूलों और कॉलेजों में 'साइबर क्लब' स्थापित करने के भी निर्देश दिए गए हैं.क्लब के माध्यम से रचनात्मक सत्र आयोजित होंगे जैसे कि पोस्टर बनाना, कंटेन्ट निर्माण आदि. डिजिटल वॉरियर का चयन केवल उन व्यक्तियों के लिए होगा जिनकी छवि स्वच्छ हो. पुलिस उन्हें विभिन्न अवैतनिक कार्यों के लिए प्रशिक्षित करेगी और उत्कृष्ठ कार्य के लिए प्रोत्साहित करेगी.
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