कौन हैं पंडित प्रदीप मिश्रा जिनकी कथा में भगदड़ के समय घायल हुई महिलाएं?

यूपी तक

• 02:15 PM • 20 Dec 2024

Who is Kathavachak Pandit Pradeep Mishra: मेरठ में शुक्रवार को कथावचक प्रदीप मिश्रा की कथा में भगदड़ मच गई. इस हादसे के चलते कई महिलाओं समेत कई श्रद्धालु गिर गए और दब गए. खबर में पंडित प्रदीप मिश्रा के बारे में जानिए.

Pandit Pradeep Mishra

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Who is Kathavachak Pandit Pradeep Mishra: मेरठ में शुक्रवार को कथावचक प्रदीप मिश्रा की कथा में भगदड़ मच गई. इस हादसे के चलते कई महिलाओं समेत कई श्रद्धालु गिर गए और दब गए. घटना की सूचना मिलने के बाद मौके पर पुलिस ने पहुंचकर बचाव का काम शुरू कर दिया है. भगदड़ का मुख्य कारण कथा पांडाल के एंट्री गेट पर अधिक भीड़ होना बताया जा रहा है. ऐसी खबर है कि मौके पर करीब एक लाख श्रद्धालु कथा सुनने के लिए पहुंचे थे. शिव महापुराण की कथा सुनाने के लिए मशहूर पंडित प्रदीप मिश्रा इस घटना के बाद से ही चर्चा के केंद्र में आ गए हैं. खबर में आगे आप पंडित प्रदीप मिश्रा के बारे में विस्तार से जानिए.

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कौन हैं कथावाचक प्रदीप मिश्रा?

27 सितंबर 1980 जन्मे प्रदीप मिश्रा मूल रूप से मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के रहने वाले हैं. बचपन में इनका नाम रघु था. प्रदीप मिश्रा ने ग्रेजुएशन तक शिक्षा हासिल की है. उनकी मां का नाम सीता देवी जबकि पिता का नाम रामेश्वर मिश्रा है. प्रदीप मिश्रा के दो भाई भी हैं जिनका नाम दीपक और विनय है. प्रदीप मिश्रा के पिता चाय की दुकान चलाते थे. यहीं प्रदीप मिश्रा ने अपने पिता का हाथ बंटाया था. 

'एक लोटा जल, समस्या का हल' कहकर हुए प्रसिद्ध 

आपको बता दें कि पंडित प्रदीप मिश्रा ने शिव मंदिर से कथा वाचन और भजन शुरू किया था. पहली बार उन्होंने मध्य प्रदेश के  सीहोर में कथावाचन और भजन किया. वे अपने कथावाचन में 'एक लोटा जल, समस्या का हल' कह कर भक्तों में प्रसिद्ध हो गए. वहीं, प्रदीप मिश्रा 'सीहोर वाले बाबा' के नाम से लोकप्रिय होते चले गए. बता दें कि कथावाचक मिश्रा के फेसबुक और यूट्यूब पर लाखों फॉलोअर्स हैं.

राधारानी के बारे में टिप्पणी कर चर्चा में आए

एक मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाले प्रदीप मिश्रा जून 2024 में तब और चर्चा के केंद्र में आए, जब उन्होंने राधारानी के बारे में टिप्पणी की. इस मामले में काफी तूल पकड़ा था. प्रदीप मिश्रा ने कहा था कि 'राधानी भगवान श्रीकृष्ण की धर्मपत्नी नहीं थीं. उनका विवाह किसी और से हुआ था. बरसाना राधारानी का गांव नहीं है. उनके पिता बृषभानु वर्ष में एक बार बरसाने में कचहरी लगाने आते थे, इसलिए बरसाना नाम पड़ा.' 

इस टिप्पणी को लेकर ही प्रदीप मिश्रा के खिलाफ ब्रजवासियों में नाराजगी दिखी. बरसाना में ब्रज के मंदिरों के सेवायतों और साधु-संतों की महापंचायत और धार्मिक संगठनों ने एक सुर में कहा कि अगर प्रदीप मिश्रा 3 दिन के भीतर माफी नहीं मांगते हैं, तो उन्हें ब्रज क्षेत्र में घुसने नहीं दिया जाएगा.

 

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