उत्तर प्रदेश के जनपद बदायूं (Badaun News) में वर्दी का दुरूपयोग करने का मामला सामने आया है. एसएसपी ने एक दारोगा और 3 सिपाहियों को सस्पेंड किया है.आरोप है कि इन्होंने एक बेकसूर युवक को स्मैक तस्कर बताकर उससे 5 लाख रुपए की मांग की और जेल भेजा था. मामले की शिकायत पर जांच हुई तो आरोप सही साबित हुए. आरोप है कि इन चारों पुलिसकर्मियों ने 2.30 लाख रुपए भी पीड़ित से वसूले थे.
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मामला जिले के बिनावर थाना क्षेत्र के अंबियापुर के मजरा नवाबगंज गांव का है. यहां के निवासी सतेंद्र के भाई रामवीर को पुलिस ने पिछले दिनों स्मैक तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया और कोर्ट में गलत साक्ष्य लगाकर जेल भेज दिया. सतेंद्र ने एसएसपी को शिकायती पत्र दिया.
बताया कि उनके भाई रामवीर को फर्जी एनडीपीएस के मामले में जेल भेज दिया गया है. भाई रामवीर को पकड़ने के बाद दो दिन तक सिपाही सुनील और दरोगा संजय गौड़ ने थाने में ही एक कमरे में रखा और उसकी पिटाई की. सिपाही सुनील ने उसे बुलाकर बताया कि उसके भाई को पांच किलो अफीम में जेल भेजा जा रहा है.
जब उसने कहा कि वह लोग तो इसका काम भी नहीं करते तो उसने कहा कि दरोगा पांच लाख रुपए मांग रहे हैं, वह देना पड़ेगा. दरोगा संजय गौड़ और सिपाही सुनील के अलावा दो अन्य सिपाही विक्रांत और जितेंद्र उन पर रुपए देने का दबाव बना रहे थे.
सतेंद्र ने बताया कि सौदा 2.50 लाख में तय हुआ. उसने किसी तरह 2.30 लाख रुपए की व्यवस्था करके पुलिसकर्मियों को दिए. बीस हजार रुपए कम होने पर उसकी बाइक और मोबाइल रख लिया. अगले दिन बाइक और मोबाइल तो वापस कर दिया, लेकिन भाई को नहीं छोड़ा. दरोगा व सिपाहियों ने 2.30 लाख रुपए रखने के बाद भी भाई रामवीर को 1.50 ग्राम स्मैक लगाकर जेल भेज दिया.
एसएसपी डॉ. ओपी सिंह ने एसपी सिटी अमित किशोर श्रीवास्तव से इसकी प्रारंभिक जांच कराई. इसमें एसपी सिटी ने दरोगा को दोषी मानते हुए रिपोर्ट एसएसपी को सौंपी थी. बाद में इसकी विस्तृत जांच एसपी देहात सिद्धार्थ वर्मा ने की. उन्होंने इसमें पुलिसकर्मियों को दोषी मानते हुए रिपोर्ट एसएसपी को सौंपी. एसएसपी ने चारों को सस्पेंड कर दिया है. एसएसपी ओपी सिंह ने बताया कि चारों को सस्पेंड कर दिया गया हैं. चारों आरोपी पुलिसकर्मियों की विभागीय जांच भी कराई जा रही है.
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