Lakhimpur Kheri News: उत्तर प्रदेश के एक कांस्टेबल को इजरायल और आतंकी संगठन हमास के बीच जंग में फलस्तीन का समर्थन करना और फलस्तीन के लिए चंदा मांगना भारी पड़ गया है. अब पुलिस अधिकारियों ने कांस्टेबल सोहेल अंसारी के खिलाफ कार्रवाई की है. बता दें कि इस पूरे मामले के सामने आने के बाद एडिशनल एसपी को मामले की जांच सौंपी गई थी. जांच में आरोप सही पाए गए और सिपाही के खिलाफ कार्रवाई की गई है. बता दें कि आरोपी कांस्टेबल सोहेल अहमद को सस्पेंड कर दिया गया है.
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फलस्तीन के लिए समर्थन मांगना पड़ा भारी
बता दें कि कांस्टेबल सोहेल अंसारी ने अपनी फेसबुक पर पोस्ट लिखा था, जिसमें वह फलस्तीन का समर्थन कर रहे थे और वहां के लिए चंदा मांग रहे थे. सोहेल अंसारी ने अपने फेसबुक पर लिखा था, ‘HELP SAVE PALESTINE. I REPOST =$1 ALL DONATION ARE DIRECTLY SENT TO…. ADD TO STORY TO HELP SAVE PALESTINE.
बता दें कि इसके बाद कांस्टेबल सोहेल अंसारी का ये पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था. इसके बाद UP Tak ने ये मामला प्रमुखता से उठाया था. पुलिस अधिकारियों के संज्ञान में जैसे ही ये मामला सामने आया, पुलिस अधिकारियों ने सिपाही के खिलाफ जांच बैठा दी.
‘बेटे से गलती हो गई’
मिली जानकारी के मुताबिक, जब सिपाही से पुलिस अधिकारियों ने पूछताछ की तो उसने कहा कि यह गलती उसके बेटे से हुई है. मगर अब उसने अपना पूरा फेसबुक ही डिलीट कर दिया है. लेकिन एसपी लखीमपुर ने मामले की जांच के आदेश दे दिए थे.
फलस्तीन के समर्थन को लेकर मौलाना पर केस दर्ज
बता दें कि हमीरपुर के एक मौलाना के खिलाफ भी केस दर्ज हुआ है. मौलाना ने फलस्तीन के समर्थन में भड़काऊ पोस्ट डाली थी, जिसके बाद केस दर्ज किया गया. यहां के मौलाना की पोस्ट पर जब पुलिस की नजर पड़ी तो पुलिस ने खुद ही मौलाना सहित एक अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस का कहना है कि मौलाना की इस हरकत से कस्बे की शांतिभंग को खतरा पैदा हो गया था.
कोतवाली में तैनात दरोगा रवि मेहता की ओर से दी गई तहरीर में कहा गया है कि कस्बे के हैदरिया मुहल्ला निवासी मौलाना आतिफ चौधरी द्वारा एक इंस्टाग्राम पर प्राइवेट अकाउंट बनाया गया. जिसकी प्रोफाइल फोटो मे आई स्टैंड विथ फिलिस्तीन लिखा है. इस अकाउंट से आठ अक्टूबर की रात फिलिस्तीन के समर्थन में पोस्टें की गई. 12 अक्टूबर को सुहेल अंसारी नामक युवक के व्हाट्सएप स्टेटस में भी इसी प्रकार के मैसेजों को प्रचार-प्रसार किया गया. पोस्ट में बेहद आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया गया था.
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