निजीकरण के खिलाफ बिजली विभाग कर्मचारी…लखनऊ में पंचायत आयोजित, जानें पूरा मामला

आशीष श्रीवास्तव

22 Dec 2024 (अपडेटेड: 22 Dec 2024, 03:06 PM)

UP News: पूर्वांचल और दक्षिणांचल को पीपीपी मॉडल पर देने का विरोध लगातार जारी है. उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मचारी और अभियंता निजीकरण के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.

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UP News:  पूर्वांचल और दक्षिणांचल को पीपीपी मॉडल पर देने का विरोध लगातार जारी है. उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मचारी और अभियंता निजीकरण के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने शनिवार को शक्ति भवन में प्रदर्शन किया. आज लखनऊ में बड़े स्तर पर बिजली पंचायत आयोजित की जा रही है..

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कर्मचारी उपभोगता संगठन के अध्यक्ष शैलेंद्र दुबे के मुताबिक़, बिजली पंचायत में देशभर के ऊर्जा संगठनों के पदाधिकारी भाग लें रहे हैं और निजीकरण से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूकता कर रहे हैं.  

बता दें कि विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने शनिवार को शक्तिभवन और हाइडिल में जन जागरुकता अभियान चलाया और निजीकरण के विरोध में नारेबाजी की.

कानूनी लड़ाई की तैयारी

इस मामले में उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन ने लीगल सेल तैयार करने का फैसला किया है, जिसमें आरक्षण समर्थक कानूनविद शामिल होंगे. एसोसिएशन के कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि निजीकरण से आरक्षित पद कम हो जाएंगे और संगठन विधिक मजबूती के साथ अपनी बात रखने के लिए विधिक पैरामीटर पर काम करेगा.

उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने पीपीपी मॉडल के मसौदे की सीबीआई जांच की मांग की है, जिसमें कहा गया है कि कार्पोरेशन प्रबंधन ने निजी घरानों को उपकृत करने के लिए निजीकरण का मसौदा तैयार करते समय आंकड़ों में हेरफेर की.

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