कोरोना काल के बाद धीरे-धीरे ही सही, लेकिन जिंदगी और बाजार दोनों पटरी पर आते दिख रहें हैं. धर्म की नगरी काशी का पर्यटन उद्योग पहले से काफी बेहतर हो गया है. इसके लिए संजीवनी का काम किया है काशी विश्वनाथ कॉरिडोर या विश्वनाथ धाम ने. जब से पीएम मोदी ने विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन किया है तब से विश्वनाथ मंदिर में चढ़ावे से होने वाली आमदनी दोगुनी हो चुकी है. यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में भी काफी इजाफा हुआ है.
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काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील वर्मा भी इसकी तस्दीक करते हैं. उन्होंने बताया कि 13 दिसंबर से जब से काशी विश्वनाथ का उद्घाटन हुआ है तभी से न केवल श्रद्धालुओं की संख्या मंदिर में बढ़ी है, बल्कि सुविधाएं भी बढ़ा दी गई हैं. मिलने वाले दान और चढ़ावे में भी इजाफा हुआ है. करीब दोगुने का फर्क आया है और आगे बढ़ता ही जा रहा है.
हालांकि इसके साथ ही मंदिर का खर्चा और जिम्मेदारी भी बढ़ गई है. उन्होंने बताया कि दान के कई ऑनलाइन और ऑफलाइन प्लेटफॉर्म एक्टिव हैं. इसके अलावा श्रद्धालुओं के लिए ऑनलाइन टिकट और पूजा की व्यवस्था भी की गई है. मंदिर में न केवल हुंडी दान बढ़ा है, बल्कि अन्य माध्यमों से भी दान में बढ़ोत्तरी हुई है. इसके आगे और बढ़ने की उम्मीद है. अब विकेंड पर भी ज्यादा श्रद्धालु मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं.
कॉरिडोर बन जाने के बाद आने वाले श्रद्धालुओं की खुशी का भी ठिकाना नहीं है. मंदिर परिसर का बड़ा रूप और मिलने वाली सुविधाओं के अलावा सीधे गंगधार से बाबा दरबार तक गंगाजल लेकर आना और बाबा विश्वनाथ को अर्पित कर देने की सुविधा होने से श्रद्धालु काफी आनंदित हैं. अब न तो गलियों का जाल है और न ही गंदगी. कॉरिडोर का भव्य रूप श्रद्धालुओं को खुब लुभा रहा है और अपनी ओर आकर्षित कर रहा है.
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की वजह से बनारस के पर्यटन उद्योग में बूम आ गया है. न केवल धार्मिक पर्यटन, बल्कि कॉर्पोरेट टूरिज्म में भी इजाफा हुआ है. टूरिज्म वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष राहुल मेहता बताते हैं कि कॉरिडोर के उद्घाटन के बाद से ही काशी में धार्मिक पर्यटन तेजी से बढ़ रहा है. फरवरी-मार्च तो पर्यटन उद्योग का परफॉर्मेंस काफी अच्छा रहा है. 2019-2020 में काशी में वार्षिक रूप से धार्मिक पर्यटकों का आगमन 65-70 लाख के करीब था. अभी अंतिम के कुछ महीनों की रफ्तार को देखें तो सालाना एक से डेढ करोड़ पर्यटक बनारस आ जाएंगे.
काशी में वीकेंड टूरिज्म भी तेजी से बढ़ रहा है. रोड और कनेक्टिविटी अच्छी हो जाने से लोग अपने वाहनों से भी काशी आ पा रहे हैं. इसी का नतीजा है कि काशी के होटल हाउसफुल जा रहे हैं. एक होटल के जनरल मैनेजर अश्विनी सिंह ने बताया कि, ‘जब से कोरोना की रफ्तार कम हुई है तब से होटल पूरी तरह फुल चल रहे हैं. पूरे अप्रैल महीने की बुकिंग है. सिर्फ कॉरिडोर ने पूरे वाराणसी शहर को जिंदगी दे दी है. होटल और टूरिज्म दोनों बूम कर गए हैं. दो साल कोविड कवरअप हो चुका है.’
विश्वनाथ मंदिर के बाहर फूल-माला और गिफ्ट आइटम के दुकानदारों की भी खुशी का ठिकाना नहीं हैं. एक दुकानदार राज की मानें तो उनको सांस लेने तक की फुर्सत नहीं है, क्योंकि श्रद्धालु ही इतने आ रहे हैं. साड़ी व्यापारी अश्विनी पांडेय ने बताया कि माता अन्नपूर्णा का प्रसाद समझकर तीर्थयात्री काशी से साड़ी खरीदकर अपने साथ ले जाते हैं. इसलिए साड़ी के कारोबार में भी इजाफा हुआ है.
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