Krishna Janmashtami 2023: कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार भादो मास, कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि को मनाया जाता है. मिली जानकारी के मुताबिक, जिस दिन अर्ध रात्रि में अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र का संयोग बनता है, उस दिन ही कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाना चाहिए. वहीं इस बीच देव ज्योतिषी और महादेवी काली मंदिर, मंदाकिनी तट के महंत अश्वनी पांडे ने जन्माष्टमी पर बन रहे विशेष संयोग, मुहूर्त और पूजा विधि को लेकर यूपी तक से खास बातचीत की है.
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कब है जन्माष्टमी?
यूपी तक से बातचीत के दौरान महंत अश्वनी पांडे ने बताया कि इस साल सप्तमी तिथि के उपरांत अष्टमी बुधवार यानी 6 तारीख को 3:39 से अगले दिन 4:16 तक रहेगी. यानी की 6 तारीख को रात में अष्टमी तिथि रहेगी और रोहिणी नक्षत्र भी रहेगा. ऐसे में जो लोग शैव परंपरा को मानते हैं वो लोग 6 तारीख बुधवार को कृष्ण जन्मोत्सव मनाएंगे. क्योंकि वैष्णव मत में उदया तिथि का ज्यादा मान होता है और साथ ही सप्तमी उपरांत अष्टमी तिथि होने के कारण 6 तारीख को ना मनाकर 7 तारीख को कृष्ण जन्मोत्सव मनाएंगे.
कृष्ण जन्माष्टमी की पूजा विधि
बातचीत में उन्होंने आगे बताया कि कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व श्री कृष्ण के अवतरण दिवस के रूप में धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन श्री कृष्ण के बाल स्वरूप लड्डू गोपाल के रूप में कृष्ण भगवान का पूजा करना शुभ होता है. वहीं इसके आगे उन्होंने बताया कि वैसे तो लड्डू गोपाल की सोने चांदी पीतल आदि की मूर्ति होती है. लेकिन अष्टधातु की मूर्ति का पूजन करना भी लाभप्रद होता है.
महंत अश्वनी पांडे ने आगे बताया कि श्री कृष्ण जन्मोत्सव की पूजन विधि में सबसे पहले सुबह उठकर ओम नमो भगवते वासुदेवा का मन में जप करते हुए अपने रोज का काम करें. वहीं इसके बाद जिस जगह पर श्री कृष्ण के बाल स्वरूप लड्डू गोपाल की मूर्ति विराजमान हो, उस जगह को अच्छे से साफ सफाई करके वहां पर गंगाजल डालकर शुद्ध करना चाहिए.
पूजा के दौरान इन बातों का रखें ध्यान
महंत ने बताया कि पूजा जी जगह को तोरण अशोक की पत्ती, माला, फूल और सुगंध इत्यादि से उस स्थान को खूब अच्छे से सजाना चाहिए. इसके साथ ही उस जगह पर जैसे बच्चों के खेलने के लिए छोटे-छोटे खिलौने लगाए जाते हैं, पालन झूलना लाइट लगाई जाती है. उसी तरह सारी तैयारी करनी चाहिए और खुशी के साथ तैयार होकर श्री हरि का कीर्तन करते हुए व्रत रहना चाहिए.
संभव हो सके तो निराहार अथवा फलाहार करते हुए भक्ति-भाव से शाम को भजन संध्या पूजन करना चाहिए. वहीं रात के समय श्री कृष्ण भगवान का पंचामृत से स्नान कराना चाहिए और उसके बाद उन्हें अच्छे-अच्छे कपडे़ आभूषण इत्यादि पहनाना चाहिए और उन्हें मीठे पकवान मक्खन इत्यादि भोग लगाना चाहिए. महंत अश्वनी पांडे के मुताबिक, इस प्रकार से पूजन करने से मनुष्य के सभी कष्टों का नाश हो जाता है और उसे सुख स्वस्थ समृद्धि की प्राप्ति होती है.
विशेष संयोग में पूजा करने से पूरी होगी मनोकामना
उन्होंने आगे बताया कि श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर इस बार विशेष संयोग बना रहा है. सभी प्रकार की मनोवांछित फलों की प्राप्ति के लिए श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन श्री कृष्ण भगवान का संपूर्ण विधि से पूजन करना चाहिए. वहीं अगर कोई विशेष रूप से धन या संतान की प्राप्ति चाहते हो तो उसके लिए कुछ विशेष उपाय करने चाहिए. महंत अश्वनी पांडे के अनुसार, ‘पुत्र प्राप्ति के लिए श्री कृष्ण का दुग्ध अभिषेक करना चाहिए. साथ ही पंचामृत से स्नान करना चाहिए. वहीं धन लाभ के लिए केसर के जल से उनका स्नान करना चाहिए और केसर, घी और चंदन से उनको लेपन करना चाहिए और रात्रि जागरण करते हुए ओम नमो भगवते वासुदेवाय इस मंत्र का जाप करना चाहिए.’
आगे उन्होंने बताया कि इससे भगवान कृष्ण की विशेष कृपा प्राप्त होगी. आगे उन्होंने बताया कि जब नारायण प्रसन्न होते हैं तो लक्ष्मी माता जरूर ही अपनी कृपा करती हैं.
वहीं इसके आगे महंत अश्वनी पांडे ने बताया कि जन्माष्टमी के दिन व्यक्ति को पूरी तरह सात्विक रहना चाहिए और हो सके तो उसे व्रत का पालन करना चाहिए. इसके साथ ही इस दिन झूठ कपट निंदा दिखावा क्रोध लोभ मोह इन सभी चीजों से दूर रहना चाहिए. साथ ही रात्रि में भगवान का भजन करना चाहिए. आगे उन्होंने बताया कि इस दिन घर में किसी प्रकार का कलेश नहीं करना चाहिए. इसके साथ ही शांतिपूर्वक और प्रेम पूर्वक, भक्ति पूर्वक, मौन धारण करके मन में ओम नमो भगवते वासुदेवाय इसका जो है जप करते रहना चाहिए.
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