वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मिले कथित शिवलिंग को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. बता दें कि कथित शिवलिंग की पूजा का आह्वाहन करने वाले शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को पुलिस ने उनके मठ में शनिवार को नजरबंद कर दिया. वहीं, पुलिस ने सोनारपुरा इलाके स्थित विद्या मठ को चारों तरफ से घेर लिया है. मठ में आने-जाने वालों पर पुलिस की कड़ी नजर है.
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मिली जानकारी के अनुसार, कड़ी सुरक्षा के बीच स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने मठ के गेट से बाहर निकलने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें रोका. इस दौरान स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की पुलिस से जमकर बहस भी हो गई.
खबर मिली है कि पुलिस की इस कार्रवाई से नाराज होकर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद अपने मठ में अन्न-जल त्यागकर बैठ गए हैं. उन्होंने कहा,
“जब तक ज्ञानवापी के अंदर शिवलिंग की पूजा करने नहीं जाने दिया जाता या प्रशासन अपने स्तर से किसी को वहां भेजकर पूजा कराकर मुझे आश्वस्त नहीं करता तब तक मैं अन्न-जल त्यागकर यूं ही बैठा रहूंगा.”
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा, “अनशन की भावना नहीं है. पर हम पूजा करके ही भोजन करेंगे. आज कोई भी हो उसे भोजन से वंचित नहीं किया का सकता, हमारे प्रभु बिना भोजन के बिना पूजा के बैठे हैं. एक हत्यारा हत्या करके आता है, पर उसको भी सरकार के पैसे से भोजन दिया जाता था. न्यायालय, न्यायालय, न्यायालय…न्यायालय हमारी भावना को समझे.”
आपको बता दें कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने घोषणा की थी कि वे शनिवार को ज्ञानवापी में 70 लोगों के साथ पहुंचेंगे और पूजा करेंगे. इसकी जानकारी के बाद वाराणसी पुलिस ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को ज्ञानवापी में जाने की परमिशन नहीं दी.
ज्ञानवापी में मिली आकृति क्या है?
गौरतलब है कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वे के दौरान मस्जिद के वजूखाने में मिली एक आकृति को लेकर बहस छिड़ गई है. हिंदू पक्ष का दावा है कि यह आकृति शिवलिंग है. वहीं, मुस्लिम पक्ष इस दावे को नकारते हुए कह रहा है कि वह आकृति शिवलिंग नहीं बल्कि फव्वारा है. फिलहाल, मामला कोर्ट में है.
(शिल्पी सेन के इनपुट्स के साथ)
भागवत बोले- ज्ञानवापी के प्रति हमारी भक्ति, लेकिन हर मस्जिद में शिवलिंग की तलाश क्यों?
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