समाजवादी पार्टी (एसपी) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव लगातार अलग-अलग मुद्दों को लेकर राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को निशाने पर ले रहे हैं. इसी क्रम में उन्होंने अब सम्राट मिहिर भोज की पहचान से जुड़ा मुद्दा उठाया है.
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अखिलेश ने 26 सितंबर को ट्वीट कर कहा है, ”ये इतिहास में पढ़ाया जाता रहा है कि सम्राट मिहिर भोज गुर्जर-प्रतिहार थे पर भाजपाइयों ने उनकी जाति ही बदल दी है. निंदनीय.”
बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से 22 सितंबर को दादरी के मिहिर भोज पीजी कॉलेज में सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा का अनावरण किया गया था. इस दौरान कथित तौर पर शिलापट्ट से गुर्जर शब्द हटने को लेकर शुक्रवार को गुर्जर समाज के लोग विरोध में उतर आए थे.
दरअसल, इस प्रतिमा के अनावरण से पहले मिहिर भोज को अपना-अपना पूर्वज बताने वाले गुर्जर और राजपूत (क्षत्रिय) समाज आमने-सामने थे. हालांकि, मुख्यमंत्री के दौरे से पहले दोनों समुदाय के प्रतिनिधियों ने एक मंच पर आकर विवाद लगभग खत्म कर दिया था. इसके बाद प्रतिमा अनावरण के लिए लगने वाले शिलापट्ट पर गुर्जर शब्द को लेकर राजनीति शुरू हो गई.
मुख्यमंत्री योगी के जाने के बाद कथित तौर पर लोगों की भीड़ शिलापट्ट से गुर्जर शब्द हटा देखकर भड़क गई थी. आक्रोशित भीड़ ने जमकर हंगामा किया था और दादरी विधायक तेजपाल नागर के खिलाफ नारेबाजी भी की थी.
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