UP: डेपुटेशन पर आए अधिकारियों पर अखिलेश ने साधा निशाना, अब पूर्व IPS ने दिया जवाब

आशीष श्रीवास्तव

• 01:02 PM • 16 Jan 2023

Uttar Pradesh News: समाजवादी पार्टी के चीफ अखिलेश यादव ने यूपी पुलिस पर हमला बोला है. उन्होंने डेपुटेशन पर यूपी आए दूसरे कैडर आईपीएस अफसरों…

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Uttar Pradesh News: समाजवादी पार्टी के चीफ अखिलेश यादव ने यूपी पुलिस पर हमला बोला है. उन्होंने डेपुटेशन पर यूपी आए दूसरे कैडर आईपीएस अफसरों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है. हांलाकि बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा समाजवादी पार्टी की सरकार में फले-फूले अपराधियों पर शिकंजा कसने की वजह से अखिलेश घबराए हुए हैं. भाजपा ने कहा कि यूपी पुलिस अब रोल मॉडल बनी हुई है और जो कार्रवाई हो रही है, उससे समाजवादी पार्टी घबराई हुई है.

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अखिलेश यादव ने ट्वीट किया है की “यूपी में दूरदराज से जो अधिकारी डेपुटेशन पर आए हैं, उनका मकसद क्या प्रदेश को सरेआम लूटना ही है. जनता से को लूटा जा रहा है, उसका हिस्सा किस किस को जा रहा है? ऐसे अधिकारी पूरे देश में उप्र पुलिस की छवि बिगाड़ रहे हैं. इनकी तुरंत जांच कर मूल राज्य में ‘प्रदेश वापसी’ हो.

अखिलेश के इन अल्फाजों से साफ हो रहा है की वो अफसरों के भ्रष्टाचार में शासन तक के हिस्सेदारी का आरोप लगा रहे हैं. अखिलेश के इस ट्वीट के बाद बीजेपी ने उनपर पलटवार करते हुए उल्टा आरोप लगाया है. बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी के मुताबिक, की समाजवादी पार्टी की सरकार में जो अपराधी फल फूल रहे थे. बीजेपी उनपर शिकंजा कस रही है. इसकी वजह से अखिलेश घबराए हुए हैं. दरअसल रामपुर में आजम खान के बाद कानपुर में सपा विधायक इरफान सोलंकी पर हुई पुलिसिया कार्रवाई के बाद अखिलेश के इस ट्वीट के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. बीजेपी की तरफ से आरोप लगाए जा रहे हैं की विधायकों पर करवाई से घबराए अखिलेश हुए हैं.

पूर्व आईपीएस बृजलाल के मुताबिक, योगी सरकार में पुलिस बल मजबूत है और वह कार्रवाई कर रही है. प्रयागराज के एक आईपीएस के खिलाफ तो सरकार ने कार्रवाई भी कर दी, जो दूसरे कैडर के थे. जबकि समाजवादी पार्टी सरकार में तो कई ऐसे आईपीएस रहे जो बाहर कैडर से आए और यहां करप्शन के चार्जेस में फंस गए. जिनके चर्चे सभी को पता है. यशस्वी यादव आईपीएस को बाहर कैडर से लाकर लखनऊ का कप्तान बनाया गया था. वह अखिलेश सरकार में डेपुटेशन पर आए कानपुर व लखनऊ में तैनात रहे. उनपर कई आरोप भी लगे हैं. उनकी तैनाती के दौरान फर्जी खुलासों से लेकर वसूली तक का आरोप झेलने के बाद उन्हें वापस किया गया था.

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