Uttar Pradesh News : जातिगत जनगणना का मुद्दा पूरे देश में गर्माया हुआ है. लोकसभा चुनाव के बाद विपक्ष इस मुद्दे को और धार देर रहा है. इंडिया गठबंधन के दलों की ओर से लगातार जातिगत जनगणना कराने की बात की जा रही है.यहां तक कि एनडीए के घटक दलों में भी जाति जनगणना को लेकर सकारात्मक रुख दिखा रहे हैं. वहीं सोमवार को जातिगत जनगणना के मुद्दे पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने बड़ा बयान दिया था. संघ ने इस मुद्दे को ‘बहुत संवेदनशील’ और ‘राष्ट्रीय एकता और अखंडता’ के लिए अहम बताया. वहीं RSS के बयान पर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने तंज कसा है.
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RSS ने कही ये बात
बता दें कि सोमवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कहा कि, 'उसे विशेष समुदायों या जातियों के आंकड़े एकत्र करने पर कोई आपत्ति नहीं है. बशर्ते इस जानकारी का उपयोग उनके कल्याण के लिए हो ना कि चुनावी लाभ के लिए राजनीतिक औजार के रूप में इसका इस्तेमाल किया जाए. आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि, 'जाति और जाति-संबंध हिंदू समाज के लिए एक बहुत संवेदनशील मुद्दा है और यह हमारी राष्ट्रीय एकता और अखंडता के लिए भी अहम है.इससे बहुत गंभीरता से निपटा जाना चाहिए.'
आंबेकर ने कहा कि, 'आरएसएस का मानना है कि सभी कल्याणकारी गतिविधियों के लिए, पिछड़ रहे विशेष समुदायों या जातियों के मुद्दों के समाधान के लिए सरकार को आंकड़ों की आवश्यकता है. यह कवायद बहुत अच्छे तरीके से की जानी चाहिए, इसलिए पहले भी सरकार ने आंकड़े एकत्र किए हैं और उसे इसमें कोई समस्या नहीं है.'
अखिलेश यादव ने कसा तंज
वहीं जातिगत जनगणना को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि, 'जातीय जनगणना सामाजिक न्याय का रास्ता है. जातीय जनगणना सबका साथ सबका विकास का रास्ता है. जातीय जनगणना से समाज जुड़ेगा, बटेगा नहीं और जो लोग समाज को बांटने का काम किया है जब वो लोग कहने लगे की इससे समाज में दूरियां बढेंगी ये तो वही बात हो गई कि उल्टा चोर कोतवाल को डांटे.'
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