Uttar Pradesh News : लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद उत्तर प्रदेश में सत्ता पक्ष सवालों के घेरे में हैं. भाजपा सरकार पर अब उसके ही सहयोगी किसी भी तरह से कोई ना कोई सवाल उठा रहे हैं. एनडीए की सहयोगी अपना दल एस की राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की आरक्षण के मुद्दे पर लिखी गई चिट्ठी को लेकर सियासी घमासान अभी थमा ही नहीं था कि यूपी सरकार पर सवाल उठाते हुए उनका एक और बयान सामने आया है.
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अनुप्रिया पटेल ने उठाया ये मुद्दा
अपना दल (एस) की अध्यक्ष और मोदी सरकार में स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने पार्टी संस्थापक सोने लाल की जयंती के मौके पर लखनऊ में जन स्वाभिमान दिवस मनाया. इस दौरान उन्होंने योगी सरकार पर तंज कसते हुए कहा- 69 हजार शिक्षक भर्ती का मुद्दा हमने उठाया, पर यह हल नहीं हुआ. अन्य मुद्दे हल हुए. कार्यक्रम में बोलते हुए अनुप्रिया पटेल ने कहा कि, 'पीएम मोदी ने पिछड़ों के लिए इतना कुछ किया लेकिन फिर भी कुछ बाकी रह गया. हमारे सभी सवाल हल हुए लेकिन एक सवाल का हल नहीं निकल पाया. 69000 शिक्षकों का मसला हल नहीं हो पाया और नुकसान हुआ.'
अनुप्रिया पटेल ने आगे कहा कि, 'विपक्षियों ने चुनाव में यह भ्रम फैलाया गया कि अगर मोदी जी तो आरक्षण और संविधान खत्म हो जाए. लेकिन ये भ्रम कैसे फैल गया कैसे विपक्ष ये भ्रम फैलाने में सफल हो गया. हम उन दलों के जैसे नहीं है जब सत्ता में रहते हैं तो सामाजिक न्याय को भूल जाए. PDA का नारा तो सत्ता पाने तक याद रहता है...प्रमोशन में आरक्षण का विरोध तो इन लोगों ने ही किया था.'
सीएम के सामने उठा चुकी हैं ये मुद्दा
इससे पहले अनुप्रिया पटेल ने यूपी सरकार के सामने नौकरियों में आरक्षण का मुद्दा का उठाया था और इस मामले को लेकर उन्होंने सीएम योगी को एक चिट्ठी लिखी थी. पत्र में अनुप्रिया पटेल ने एसटी-एससी और ओबीसी नियुक्तियों में साक्षात्कार के जरिए भरी जाने वाली नौकरियों में गड़बड़ी की बात कही थी. बता दें कि अनुप्रिया पटेल एनडीए सरकार में लगातार तीसरी बार केंद्रीय मंत्री बनी है. जबकि उनके पति आशीष पटेल भी दूसरी बार योगी सरकार में मंत्री हैं.
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