पंजाब के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता चरणजीत सिंह चन्नी के “भैये” वाले बयान को लेकर सियासी घमासान छिड़ गया है. इस मामले में अब चन्नी की सफाई भी सामने आई है.
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चन्नी ने 17 फरवरी को एक वीडियो जारी कर कहा है, ”कल से मेरे एक बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है… जो दुर्गेश पाठक, संजय सिंह, अरविंद केजरीवाल जैसे लोग बाहर से आकर पंजाब में खलल डालते हैं, मैंने उनके बारे में बात की, लेकिन जो लोग उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान से पंजाब में आते हैं और पंजाब में काम करते हैं, पंजाब भी उनका उतना ही है जितना हमारा है.”
इसके आगे चन्नी ने कहा है, ”इसलिए इसे गलत तरीके से पेश करना सही नहीं है. प्रवासी हमारे लिए प्यारे हैं. प्रवासी पंजाब में विकास के लिए आता है.”
चन्नी ने पंजाब में एक चुनावी सभा में कहा था कि राज्य की जनता को उत्तर प्रदेश, बिहार और दिल्ली से आने वाले “भैये” लोगों को प्रवेश नहीं देना चाहिए, जो यहां राज करने आते हैं. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को चन्नी के बगल में खड़ी होकर ताली बजाते देखा जा सकता है.
प्रियंका ने इस मामले पर कहा है, ”चन्नी जी कह रहे थे कि पंजाब की सरकार पंजाबियों से चलनी चाहिए. उन्होंने जिस तरह से बोला उसे बस घुमाया गया है. मुझे नहीं लगता कि यूपी से यहां कोई आकर राज करना चाहता है और यूपी में भी नहीं चाहते कि कोई पंजाब से आकर वहां राज करे.”
चन्नी के बयान पर छिड़े सियासी घमासान के बीच केंद्रीय गृह मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने 17 फरवरी को उत्तर प्रदेश में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ”कल पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा था, यूपी के भैयाओं को मत घुसने दो और बहन प्रियंका वहां खड़े होकर ताली बजाकर आनंद व्यक्त कर रही थीं. उत्तर प्रदेश का इससे बड़ा अपमान कोई हो नहीं सकता है.” शाह के अलावा और भी कई नेता चन्नी के बयान के लिए उनको निशाने पर ले चुके हैं.
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंजाब में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा,
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”कांग्रेस हमेशा से एक क्षेत्र के लोगों को दूसरे से लड़ाती आई है. यहां कांग्रेस के मुख्यमंत्री ने जो बयान दिया, जिस पर दिल्ली का परिवार उनके साथ खड़े होकर तालियां बजा रहा था, वो पूरे देश ने देखा.”
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”अपने इन बयानों से ये लोग किसका अपमान कर रहे हैं. यहां का कोई ऐसा गांव नहीं होगा, जहां हमारे उत्तर प्रदेश या बिहार के भाई बहन मेहनत न करते हों.
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”कल ही हमने संत रविदास जी की जयंती मनाई है. वो कहां पैदा हुए? उत्तर प्रदेश में, बनारस में. क्या आप संत रविदास जी को भी पंजाब से निकाल देंगे?”
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