सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से निलंबित नेत्री नुपूर शर्मा की पैगंबर मोहम्मद के बारे में विवादित टिप्पणी को लेकर उन्हें शुक्रवार को कड़ी फटकार लगाई. कोर्ट ने कहा कि नुपुर की ‘अनियंत्रित जुबान’ ने पूरे देश को आग में झोंक दिया. साथ ही कोर्ट ने नुपुर शर्मा को अपनी इस टिप्पणी के लिए देश से माफी मांगने को भी कहा है.
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सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी पर बहुजन समाजवादी पार्टी (बीएसपी) की मुखिया और यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. मायावती ने कोर्ट के इस टिप्पणी की तारीफ करते हुए उम्मीद जताई है कि भविष्य में इस तरह की विवादित टिप्पणी पर रोक लगेगी.
उन्होंने ट्वीट कर कहा, “माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा नूपुर शर्मा के विरुद्ध आज लिए गए सख़्त स्टैण्ड तथा अपने भड़काऊ बयान से देश को हिंसक माहौल में झोंकने हेतु उनसे माफी माँगने का निर्देश उन सभी के लिए ज़रूरी सबक है जो देश को सांप्रदायिकता की आग में झोंक कर अपनी राजनीति चमका रहे हैं.”
एक दूसरे ट्वीट में बीएसपी चीफ ने कहा,”नफरती भाषण के लिए नूपुर शर्मा के विरुद्ध एफआईआर होने के बावजूद पुलिस द्वारा उनके प्रति निष्क्रिय रवैये का भी मा.कोर्ट द्वारा संज्ञान लेने से संभव है कि आगे इस प्रकार की प्रवृति पर थोड़ा रोक लगे.”
बता दें कि एक न्यूज चैनल के टीवी डिबेट के दौरान पैगंबर के बारे में की गई शर्मा की टिप्पणी के विरोध में देशभर में प्रदर्शन हुए थे और कई खाड़ी देशों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी. बीजेपी ने बाद में शर्मा को पार्टी से निलंबित कर दिया था.
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की अवकाशकालीन पीठ ने कहा, ‘‘ये बयान बहुत व्यथित करने वाले हैं और इनसे अहंकार की बू आती है. इस प्रकार के बयान देने का उनका क्या मतलब है? इन बयानों के कारण देश में दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हुईं… ये लोग धार्मिक नहीं हैं. वे अन्य धर्मों का सम्मान नहीं करते. ये टिप्पणियां या तो सस्ता प्रचार पाने के लिए की गईं अथवा किसी राजनीतिक एजेंडे या घृणित गतिविधि के तहत की गईं.’’
(भाषा के इनपुट्स के साथ) प्रयागराज
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